Sunday, October 9, 2016

भांड पत्रकारिता के दौर में देश का मनोबल बढ़ा हुआ है

रविश कुमार का ये लेख बहुत कुछ कह जाता, समय निकालकर सभी जरूर पढ़े
कंटेंट की कॉपी पेस्ट नहीं कर रहा हूँ क्योंकि लेख रविश का है तो अच्छा होगा उन्ही के ब्लॉग पर जाकर पढ़े।
यही ईमानदारी होगी।

जब जनता ही साथ नहीं है तो पत्रकार क्या करे। बेहतर है अख़बार के उस कागज़ पर जूता रगड़ दिया जाए जिस पर लिखकर हम कमाते हैं। उसे न तो पत्रकारिता की ज़रूरत है न पत्रकार की। एक भांड चाहिए,सो हज़ारों भांड दे दो उसे। ठूंस दो इस देश के दर्शकों के मुंह में भांड।
Ravish Kumar - http://naisadak.org/desh-ka-manobal-and-journalism/

Ravish Kumar - http://naisadak.org/desh-ka-manobal-and-journalism/
Ravish Kumar NDTV - Blog Nai Sadak


केवल ये कुछ लाइन कॉपी पेस्ट की है बाकि सब रविश के ब्लॉग नई सड़क पर मिलेगा
धन्यवाद 

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