NDTV के रविश कुमार को मिली जान से मारने की धमकी
क्योंकि उसने सत्ता के सामने घुटने ना टेकते हुए पत्रकारिता का धर्म निभाया
एक सच्चे पत्रकार का धर्म होता है की वो सत्ता की चापलूसी ना करते हुए, आम आदमी की रोजमर्रा की समस्याओं को सत्ता से सामने रखे, सत्ता से सवाल करे की लोगो की इस परेशानी का सरकार के पास क्या समाधान है?
और रविश वही कर रहा है |
वो 2014 से पहले भी यही काम कर रहा था, आज तो इंटरनेट का युग है जाकर देख लो रविश कुमार की डिबेट 2014 से पहले की तब वो कांग्रेस से सवाल करता था क्योंकि तब कांग्रेस की सरकार थी, आज वो भाजपा से सवाल कर रहा है क्योंकि सरकार भाजपा की है
बस फर्क इतना सा है की तब ये अंधभक्तों की फौज के सरदार सत्ता में नहीं थे तो वो सवाल उनके लिए फायदेमंद थे, रविश जब कांग्रेस से सवाल करता था तो यही भाजपा और इनके प्रवक्ता रविश के हर शो में रविश की प्रशंसा करते थे, क्योंकि तब सवाल उनसे नहीं हो रहे कांग्रेस से हो रहे थे और उन सवालों से भाजपा को फायदा हो रहा था
आज भाजपा के प्रवक्ता रविश की प्रशंसा तो बहुत दूर की बात है उनके में भी नहीं आना चाहते क्योंकि सत्ता बदल गयी लेकिन रविश नहीं बदला, वो कल भी सवाल करता था आज भी सवाल करता है|
रविश के खिलाफ नफरत फैलाकर ये अंधभक्तों की फौज खुद का ही नुक्सान कर रही है, रविश युवाओं की बात करता है, बेरोजगारों की बात करता है, किसानो की बात करता है, जवानों की बात करता है, आपके स्कूल में अच्छे शिक्षक और अच्छी बैठने की व्यवस्था क्यों नहीं है इसकी बात करता है.
आशा है एक ना एक दिन ये अंधभक्ति का चश्मा आपकी आँखों से उतरेगा और आप सच्चाई देख सकेंगे, बस कहीं देर ना हो जाए
NDTV’s Ravish Kumar gets death threats on phone, social media.— NDTV Videos (@ndtvvideos) 25 maggio 2018
At a time when the nation is debating intolerance and threats to free speech, a look at what journalists risk each day to do their jobs.
Watch @LRC_NDTV tonight at 7 & 9:30 on https://t.co/MFFyBOGI4G and NDTV 24x7 pic.twitter.com/ElgiNbUS8Z
रविश का कसूर?
क्योंकि उसने सत्ता के सामने घुटने ना टेकते हुए पत्रकारिता का धर्म निभाया
एक सच्चे पत्रकार का धर्म होता है की वो सत्ता की चापलूसी ना करते हुए, आम आदमी की रोजमर्रा की समस्याओं को सत्ता से सामने रखे, सत्ता से सवाल करे की लोगो की इस परेशानी का सरकार के पास क्या समाधान है?
और रविश वही कर रहा है |
वो 2014 से पहले भी यही काम कर रहा था, आज तो इंटरनेट का युग है जाकर देख लो रविश कुमार की डिबेट 2014 से पहले की तब वो कांग्रेस से सवाल करता था क्योंकि तब कांग्रेस की सरकार थी, आज वो भाजपा से सवाल कर रहा है क्योंकि सरकार भाजपा की है
बस फर्क इतना सा है की तब ये अंधभक्तों की फौज के सरदार सत्ता में नहीं थे तो वो सवाल उनके लिए फायदेमंद थे, रविश जब कांग्रेस से सवाल करता था तो यही भाजपा और इनके प्रवक्ता रविश के हर शो में रविश की प्रशंसा करते थे, क्योंकि तब सवाल उनसे नहीं हो रहे कांग्रेस से हो रहे थे और उन सवालों से भाजपा को फायदा हो रहा था
आज भाजपा के प्रवक्ता रविश की प्रशंसा तो बहुत दूर की बात है उनके में भी नहीं आना चाहते क्योंकि सत्ता बदल गयी लेकिन रविश नहीं बदला, वो कल भी सवाल करता था आज भी सवाल करता है|
रविश के खिलाफ नफरत फैलाकर ये अंधभक्तों की फौज खुद का ही नुक्सान कर रही है, रविश युवाओं की बात करता है, बेरोजगारों की बात करता है, किसानो की बात करता है, जवानों की बात करता है, आपके स्कूल में अच्छे शिक्षक और अच्छी बैठने की व्यवस्था क्यों नहीं है इसकी बात करता है.
आशा है एक ना एक दिन ये अंधभक्ति का चश्मा आपकी आँखों से उतरेगा और आप सच्चाई देख सकेंगे, बस कहीं देर ना हो जाए
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