सुनकर आपको भी यकीन नहीं हो रहा होगा कि चुनाव आयोग ने ये स्वीकार किया है की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन हैक की जा सकती है, पर आप भी इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो मान जाएंगे की चुनाव आयोग ने अंततः स्वीकार कर ही लिया है की EVMs को मैनिपुलेट कर अपने मन चाहे उम्मीदवार को जिताया जा सकता है चाहे उसे जनता ने एक भी वोट ना दिया हो|
इससे पहले मैं आपको एक मेरे जीवन की सच्ची घटना बताता हूँ, मेरे ऑफिस में सभी ये मानते है की मैं हर समस्या (IT रिलेटेड) का समाधान निकाल सकता हूँ, और सभी दिन में २-४ बार ये बात बोल ही देते है की मैं सब प्रॉब्लम सॉल्व कर सकता हूँ, अब मेरे एक सहकर्मी को इससे बहुत जलन होती है और वो हर रोज कोशिश करता है की कुछ ऐसा करे की वो मुझसे सॉल्व ना हो| तो उसने एक तरकीब तो ये निकाली की मुझे आवाज लगाता "राम, ये समस्या है" मैं जैसे ही उस सिस्टम तक जाता उस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए सिस्टम को हाथ लगाता और मुश्किल से १-२ मिनट निकलती और वो बोल पड़ता चल रहने दे तुमसे नहीं हो रहा तो तुम्हे और भी बहुत काम है छोडो रहने दो इसे, इसके बाद वो उस घटना का कई बार जिक्र करता उस दिन राम से भी नहीं हुई वो समस्या ठीक, राम ने भी देखा था उसके भी समझ में नहीं आई|
एक और घटना बताना हूँ इसी सहकर्मी की, एक दिन इसका मोबाइल हैंग हो गया था ना टच स्क्रीन कमांड ले रही थी और ना ही कोई बटन, ये मेरे पास आया "राम मेरा मोबाईल रेस्पोंड नहीं कर रहा, तुम तो हर चीज ठीक कर देते हो इसे देखो"
मैंने देखा स्क्रीन रेस्पॉन्ड, नही कर रही बटन रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे तो मैंने कवर खोल कर बैटरी निकालकर उसे रीस्टार्ट करना चाहा, जैसे ही मैंने बैक कवर ओपन किया उसने मोबाइल मेरे हाथ से छीन लिया, ये कहते हुए
"ये क्या कर रहे हो, मोबाइल को खोल क्यों रहे हो, पूरा ऑफिस कहता है तुम हर समस्या का समाधान निकाल सकते हो ये झूंठ है तुमसे भी मेरा मोबाइल जो हैंग था वो सही नहीं हुआ"
ठीक यही कहानी चुनाव आयोग की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ हो रही है, जब हाल में सम्पन्न हुए चुनावों में एक नहीं अनेको उदाहरण ऐसे सामने आये है जहाँ EVM में गड़बड़ी का उदाहरण हमारे सामने है, की जगह मशीन पकड़ी भी गयी है जिनमे गड़बड़ थी| लेकिन चुनाव आयोग केवल रटी रटाई एक ही लाइन बोलता रहता है ना जी EVMs एकदम सेफ है इनमे गड़बड़ हो ही नहीं सकती, इनमे गड़बड़ की ही नहीं जा सकती|
जब आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के इस चेलेंज को ललकारा और ये साबित किया की EVMs हैक की जा सकती है तो चुनाव आयोग अपनी छवि बचाने के लिए घोषणा करता है की हम सभी को चूनौती देते है की EVM हैक करके दिखाए, लेकिन उन्हें ये भी पता है की आम आदमी पार्टी के नेता जो पेशे से इंजीनियर थे जिनका काम ही टेक्नोलॉजी से खेलना, नये नए आविष्कार करना रहा था वो EVMs को हैक करके ये साबित कर देंगे की भारतीय चुनाव आयोग जिन मशीनों का इस्तेमाल करता है उन्हें हैक किया सकता है तो इससे बचने के लिए पहले से ही शर्त लगादी, वही जो मेरे साथ ऑफिस में हुआ|
EVMs हैक करके दिखाओ लेकिन आपको मशीन खोलने नहीं देंगे, केवल मशीन को बाहर से देखकर हैक करो|अब चुनाव आयोग यदि इतना ही आश्वस्त है की EMVs हैक नहीं की जा सकती तो फिर क्यों नहीं खुली छूट देता की ये लो ये रही मशीन और दिखाओ हैक करके, हम भी देखते है तुम क्या कर सकते हो, और यदि सच में चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र को बचाना चाहता है और निष्पक्ष चुनाव का पक्षधर है तो चुनाव आयोग के पास तो सुनहरी अवसर है अपने सिस्टम को सुधारने की| उन्हें तो बिना पेमेंट किये अपनी मशीनों की कमियों का पता लग जाएगा जिन्हे वो सुधारकर एक स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव आयोग की छवि बना सकते है लेकिन ऐसा न करने की बजाय वो शर्ते लगा देते है की मशीन को खोल नहीं सकते, यानि चुनाव आयोग ये स्वीकार कर रहा है की मशीन को खोलकर हैक किया जा सकता है|
अब भाजपा की IT सेल में ट्रेनिंग मिले लोग सोशल मिडिया पर इसी पर आपको गालियाँ देंगे की अरे बेवकूफ हो, पागल हो आदि आदि वोट देने जाओगे तब मशीन कौन खोलने देगा तुम्हे हैक करने के लिए? लेकिन उन्हें भी अच्छी तरह से पता है की हैक करने वाला वोट देते समय मशीन नहीं खोलेगा उसे खोलने का काम पहले ही हो जाता है, चुनाव होने के बाद मशीने गोदाम में रहती है, जहाँ उनका रख रखाव और मेंटेनेंस किया जाता है उसी समय ये गड़बड़ की जा सकती है|
तभी तो दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी के बार बार आग्रह करने के बाद भी दिल्ली चुनाव आयोग के पास मशीने होते हुए भी राजस्थान से EVMs मंगाई जाती है और चुनाव उन्ही से करवाए जाते है| पहले आम आदमी पार्टी बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग कर रही थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया, फिर आम आदमी पार्टी ने कहा ओके बैलेट से मत करवाओ पर मशीन तो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाली मंगवा लो लेकिन चुनाव आयोग साफ़ अड़ा रहा की चुनाव राजस्थान की EVMs से ही होंगे क्योंकि गड़बड़ की सारी मेहनत उन पर कर चुके है अब यदि दूसरी मशीन लाएंगे तो उनमें गड़बड़ करनी पड़ेगी|
चाहे चुनाव आयोग ये हेकाथॉन के नाम पर जोकाथॉन करवाकर मीडिया में महीनो तक ये हेडलाइन चलवा दे की मशीने को हैक नहीं किया जा सका, जैसे मेरा वो सहकर्मी पूरे ऑफिस में कहता है की "राम से भी ये समस्या सॉल्व नहीं हुई" लेकिन पता सबको है की भारत का लोकतंत्र खतरे में है, चुनाव आयोग सरकार के हाथो की कठपुतली बन गया है|
नोट: मेरे लिखे विचारो से आप सहमत/असहमत हो सकते है ये आपको हक है, ये मेरे निजी विचार है यदि मेरे इस लेख से कोई आहत होता है तो मैं उसके लिए क्षमा चाहता हूँ|
जय हिन्द
वन्दे मातरम
भारत माता की जय
Huffingpost पर भी एक बहुत शानदार लेख है इस सन्दर्भमें
Election commission of India, EVMs, EVM, Electronic Voting machine, Hack, Hackthon, JokAthon, Aam Aadmi Party, BJP, Congress, Election, Democracy, Saurabh Bhardwaj
इससे पहले मैं आपको एक मेरे जीवन की सच्ची घटना बताता हूँ, मेरे ऑफिस में सभी ये मानते है की मैं हर समस्या (IT रिलेटेड) का समाधान निकाल सकता हूँ, और सभी दिन में २-४ बार ये बात बोल ही देते है की मैं सब प्रॉब्लम सॉल्व कर सकता हूँ, अब मेरे एक सहकर्मी को इससे बहुत जलन होती है और वो हर रोज कोशिश करता है की कुछ ऐसा करे की वो मुझसे सॉल्व ना हो| तो उसने एक तरकीब तो ये निकाली की मुझे आवाज लगाता "राम, ये समस्या है" मैं जैसे ही उस सिस्टम तक जाता उस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए सिस्टम को हाथ लगाता और मुश्किल से १-२ मिनट निकलती और वो बोल पड़ता चल रहने दे तुमसे नहीं हो रहा तो तुम्हे और भी बहुत काम है छोडो रहने दो इसे, इसके बाद वो उस घटना का कई बार जिक्र करता उस दिन राम से भी नहीं हुई वो समस्या ठीक, राम ने भी देखा था उसके भी समझ में नहीं आई|
एक और घटना बताना हूँ इसी सहकर्मी की, एक दिन इसका मोबाइल हैंग हो गया था ना टच स्क्रीन कमांड ले रही थी और ना ही कोई बटन, ये मेरे पास आया "राम मेरा मोबाईल रेस्पोंड नहीं कर रहा, तुम तो हर चीज ठीक कर देते हो इसे देखो"
मैंने देखा स्क्रीन रेस्पॉन्ड, नही कर रही बटन रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे तो मैंने कवर खोल कर बैटरी निकालकर उसे रीस्टार्ट करना चाहा, जैसे ही मैंने बैक कवर ओपन किया उसने मोबाइल मेरे हाथ से छीन लिया, ये कहते हुए
"ये क्या कर रहे हो, मोबाइल को खोल क्यों रहे हो, पूरा ऑफिस कहता है तुम हर समस्या का समाधान निकाल सकते हो ये झूंठ है तुमसे भी मेरा मोबाइल जो हैंग था वो सही नहीं हुआ"
ठीक यही कहानी चुनाव आयोग की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ हो रही है, जब हाल में सम्पन्न हुए चुनावों में एक नहीं अनेको उदाहरण ऐसे सामने आये है जहाँ EVM में गड़बड़ी का उदाहरण हमारे सामने है, की जगह मशीन पकड़ी भी गयी है जिनमे गड़बड़ थी| लेकिन चुनाव आयोग केवल रटी रटाई एक ही लाइन बोलता रहता है ना जी EVMs एकदम सेफ है इनमे गड़बड़ हो ही नहीं सकती, इनमे गड़बड़ की ही नहीं जा सकती|
जब आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के इस चेलेंज को ललकारा और ये साबित किया की EVMs हैक की जा सकती है तो चुनाव आयोग अपनी छवि बचाने के लिए घोषणा करता है की हम सभी को चूनौती देते है की EVM हैक करके दिखाए, लेकिन उन्हें ये भी पता है की आम आदमी पार्टी के नेता जो पेशे से इंजीनियर थे जिनका काम ही टेक्नोलॉजी से खेलना, नये नए आविष्कार करना रहा था वो EVMs को हैक करके ये साबित कर देंगे की भारतीय चुनाव आयोग जिन मशीनों का इस्तेमाल करता है उन्हें हैक किया सकता है तो इससे बचने के लिए पहले से ही शर्त लगादी, वही जो मेरे साथ ऑफिस में हुआ|
EVMs हैक करके दिखाओ लेकिन आपको मशीन खोलने नहीं देंगे, केवल मशीन को बाहर से देखकर हैक करो|अब चुनाव आयोग यदि इतना ही आश्वस्त है की EMVs हैक नहीं की जा सकती तो फिर क्यों नहीं खुली छूट देता की ये लो ये रही मशीन और दिखाओ हैक करके, हम भी देखते है तुम क्या कर सकते हो, और यदि सच में चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र को बचाना चाहता है और निष्पक्ष चुनाव का पक्षधर है तो चुनाव आयोग के पास तो सुनहरी अवसर है अपने सिस्टम को सुधारने की| उन्हें तो बिना पेमेंट किये अपनी मशीनों की कमियों का पता लग जाएगा जिन्हे वो सुधारकर एक स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव आयोग की छवि बना सकते है लेकिन ऐसा न करने की बजाय वो शर्ते लगा देते है की मशीन को खोल नहीं सकते, यानि चुनाव आयोग ये स्वीकार कर रहा है की मशीन को खोलकर हैक किया जा सकता है|
अब भाजपा की IT सेल में ट्रेनिंग मिले लोग सोशल मिडिया पर इसी पर आपको गालियाँ देंगे की अरे बेवकूफ हो, पागल हो आदि आदि वोट देने जाओगे तब मशीन कौन खोलने देगा तुम्हे हैक करने के लिए? लेकिन उन्हें भी अच्छी तरह से पता है की हैक करने वाला वोट देते समय मशीन नहीं खोलेगा उसे खोलने का काम पहले ही हो जाता है, चुनाव होने के बाद मशीने गोदाम में रहती है, जहाँ उनका रख रखाव और मेंटेनेंस किया जाता है उसी समय ये गड़बड़ की जा सकती है|
तभी तो दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी के बार बार आग्रह करने के बाद भी दिल्ली चुनाव आयोग के पास मशीने होते हुए भी राजस्थान से EVMs मंगाई जाती है और चुनाव उन्ही से करवाए जाते है| पहले आम आदमी पार्टी बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग कर रही थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया, फिर आम आदमी पार्टी ने कहा ओके बैलेट से मत करवाओ पर मशीन तो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाली मंगवा लो लेकिन चुनाव आयोग साफ़ अड़ा रहा की चुनाव राजस्थान की EVMs से ही होंगे क्योंकि गड़बड़ की सारी मेहनत उन पर कर चुके है अब यदि दूसरी मशीन लाएंगे तो उनमें गड़बड़ करनी पड़ेगी|
चाहे चुनाव आयोग ये हेकाथॉन के नाम पर जोकाथॉन करवाकर मीडिया में महीनो तक ये हेडलाइन चलवा दे की मशीने को हैक नहीं किया जा सका, जैसे मेरा वो सहकर्मी पूरे ऑफिस में कहता है की "राम से भी ये समस्या सॉल्व नहीं हुई" लेकिन पता सबको है की भारत का लोकतंत्र खतरे में है, चुनाव आयोग सरकार के हाथो की कठपुतली बन गया है|
नोट: मेरे लिखे विचारो से आप सहमत/असहमत हो सकते है ये आपको हक है, ये मेरे निजी विचार है यदि मेरे इस लेख से कोई आहत होता है तो मैं उसके लिए क्षमा चाहता हूँ|
जय हिन्द
वन्दे मातरम
भारत माता की जय
Huffingpost पर भी एक बहुत शानदार लेख है इस सन्दर्भमें
Election commission of India, EVMs, EVM, Electronic Voting machine, Hack, Hackthon, JokAthon, Aam Aadmi Party, BJP, Congress, Election, Democracy, Saurabh Bhardwaj
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