शिवराज सिंह - योगी आदित्यनाथ - नरेंद्र मोदी - अमित शाह |
चलो एक बार फ्लैशबैक में चलते है, याद कीजिये उत्तरप्रदेश में भाजपा की विजय और सरकार बनना, आखिर में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद मिलना और उन दिनों के मिडिया को ध्यान से याद कीजिये तब क्या था मिडिया चैनलों में 24 घंटे?
योगी-योगी-योगी हर पल योगी जी उनकी इमेज मेकिंग हो रही थी, उनके पल पल की खबर मिडिया में कवर हो रही थी, आज यहाँ सोये, इतनी बार खर्राटे लिए, खिचड़ी खायी, जो खबर ना हो उसे भी खबर बनाया जा रहा था|
नतीजा? अचानक से मोदीजी गायब हो गए! योगी अब मोदी से भी ज्यादा पावरफुल लगने लगे और वैसे वो है भी| एकतरफ जहाँ सारे भाजपा नेता मोदी और शाह के आगे नतमस्तक हो चुके है वही योगी ही ऐसा व्यक्ति है जिसने अपनी वेबसाइट में मोदी/शाह की फोटो तक नहीं लगाईं और ना ही उनका कोई नाम या प्रशंसा (मुख्यमंत्री बनने से 1 दिन पहले तक)|
आप सोच रहे होंगे इन सबसे वर्तमान की मीडिया खबरों का क्या लेना देना? बिलकुल इसी से लेना देना है! जैसे ही मोदी/शाह को ये खतरा महसूस हुआ की कही योगी की पोजीशन उनके लिए खतरा ना बन जाये, जब पूरी भाजपा को मोदी/शाह ने अपने अधीन कर लिया हो तो कोई और उनकी बराबरी कर सके ये उन्हें कब मंजूर होने वाला था|
तो मेरा ये मानना है कि शायद इन्ही सब कारणों से मोदी/शाह का मीडिया को आदेश हुआ की इसकी छवि ख़राब की जाए, अचानक से मीडिया में गुणगान की जगह आलोचना और तमाम ऐसी खबरे चलना शुरू हो गई जिससे ये लगे की योगी एक नाकारा मुख्यमंत्री है|
अब बात करते है मध्यप्रदेश की, मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार है, और शिवराज सिंह चौहान लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री है| अगले साल फिर से मध्यप्रदेश में चुनाव है, सोचो अगर शिवराज सिंह फिर से मुख्यमंत्री बनने में सफल हो जाए तो मोदी से ज्यादा लोकप्रिय हो सकते है और भाजपा में अपनी पकड़ और मजबूत कर सकते है, केवल मुख्यमंत्री ही नहीं फिर उनके वहाँ से राज्य सभा की सीट और उन पर शिवराज सिंह की पकड़ रहना, हर बात शिवराज सिंह को मजबूत करेगी और मोदी/शाह को ना चाहते हुए भी शिवराज सिंह को सम्मान देना पडेगा|
तो मेरा ऐसा मानना है कि मध्यप्रदेश के मामले में मोदी/शाह का मिडिया को आदेश मिला होगा की जितना भी कर सको शिवराज सिंह की छवि खराब करो, मध्यप्रदेश सरकार की तमाम नाक़ामयाबियाँ मिडिया में दिखाओ ताकि शिवराज सिंह अपने आप कमजोर हो जाएगा या फिर खुद मोदी/शाह से समझौता करेगा अपने खिलाफ चलने वाली खबरे रुकवाने के लिए| तो यदि शिवराज सिंह मोदी/शाह से समझौता कर लेते है तो फिर अगले साल होने वाले चुनाव में शाह अपनी मर्जी चला सकेंगे और वहाँ पर भी सरकार पर अपना कब्जा कर लेंगे, और यदि ऐसा नहीं होता है तो शिवराज सिंह की छवि धूमिल कर भाजपा को ही हरवा देंगे ताकि मोदी/शाह से बड़ा पार्टी में कोई नहीं बन पाए|
वरना आप सोचिये व्यापम जैसे इतने बड़े घोटाले, जिसमे कई जान तक गयी है उसे भी लेकर मिडिया में इतनी खबरे नहीं चली जितनी पिछले कुछ दिनों में चल रही है|
खैर ये मेरे निजी विचार है, जो मुझे लगा वो आप सभी के साथ सांझा किया है, केवल मेरा आंकलन है इससे सहमत/असहमत होना आपका अधिकार है| यदि मेरे विचारों से किसी की भावनाओ को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं अग्रिम क्षमा प्रार्थी हूँ|
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