हाँ, बिलकुल सही पढ़ा आपने, मैं अपने आप से यही सवाल पूछ रहा हूँ कि क्या मोदीजी ने सरकार बनने के डेढ़ साल में भी कोई काम नहीं किया?
अब आप पूछोगे कि आखिर मैं ऐसा क्या सोच रहा हूँ?
इसके पीछे भी कारण है बिहार की चुनाव रैली जिनमे प्रधानमन्त्री सब कुछ भूलकर एक पार्टी के प्रचारक के रूप में चुनावी सभा करते घूम रहे है, मैंने कुछ चुनावी सभाओ में मोदीजी का सम्बोधन सुना और उससे सुनने के बाद ही मेरे मन में ये सवाल आया कि आखिर मोदीजी के पास ऐसा कुछ भी नहीं जिसे वे अपनी उपलब्धि के रूप में सबको बता सके?
यदि इन डेढ़ साल में कुछ काम किया होता तो आज बिहार की चुनावी सभाओ में मोदीजी को लालू और नितीश को गाली देने के बजाय अपने काम गिनाने से ही फुर्सत नहीं होती और बिहार की जनता से वोट भी यही कहकर माँगते की देखो आपने मुझे केंद्र की सत्ता दी तो मैंने ये ये काम केंद्र सरकार में किया है, ये देखिये मैंने कैसे देश में विकास की गंगा बहा दी है, ये देखिये हमने लोकसभा चुनाव से पहले जनता से ये वादे किये थे और जनता ने हमे इन्ही वादो को पूरा करने के लिए पांच साल के लिए सत्ता सौपी थी और आज डेढ़ साल में हमने आपसे किये वादो में इतने वादे पूरे कर दिए है, इन वादो पर काम चालू हो चुका है, इन वादो पर अभी विचार विमर्श चल रहा है आदि आदि!
सच में यदि केंद्र में मोदी सरकार इन डेढ़ साल में कुछ काम करती तो बिहार की जनता को उन्हें सुनाने के लिए गाली और व्यंग की जगह अपने कामो की लिस्ट होती जो की उनके पास नहीं है।
ना ही लोकसभा चुनाव के वादो का जिक्र है और उससे भी हैरानी की बात है सरकार बनने के बाद ज्यादातर समय विदेशो में बिताने वाले प्रधानमन्त्री के पास तो अपने विदेशी दौरों की भी कोई बताने लायक उपलब्धि नहीं है वरना तो वो इसी का बखान करते रहते।
हाँ उनके पास कुछ है तो वो है झूठे वादे या अमित शाह की भाषा में कहे तो उनके पास है जुमले हाजी वही जुमले जो लोकसभा चुनाव से पहले वादो के रूप में जनता से किये गए और चुनाव जितने के बाद एक पत्रकार को बुलाकर अपने वादो को जुमला घोषित कर दिया जाता है, आज वही खेल बिहार में कर रहे है, हम ऐसा कर देंगे, हम वैसा कर देंगे, अरे भाई कर देंगे, कर देंगे? ये भी बताओ केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है वहां पर आपके क्या किया है?
है कुछ बताने लायक? नहीं है ना?
बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार!!
सुन सुनकर कान पक चुके थे लोकसभा चुनाव से पहले लेकिन ख़ुशी थी जब केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की मोदी सरकार बनी, एक तसल्ली थी की कम से कम अब महंगाई पर तो लगाम लगेगी, पर ये कैसे लगाम ऐसा लग रहा है जैसे लगाम तो लगादी मोदीजी ने महंगाई पर, लेकिन वो लगाम किसी और(कुछ पूंजीपतियों) को सौप दी तभी तो आज सब्जी, प्याज, दाल, टमाटर हर चीज के भाव आसमान छू रहे है, दाल तो मानो आम आदमी की पहुँच से बाहर की बात हो गयी है, हम हॉस्टल में थे तो अक्सर दाल ही बनाते थे क्योंकि यदि खाना खाते समय भी दो दोस्त और आ जाते तो चूल्हे पर पड़ी दाल में एक गिलास पानी और ज्यादा कर देते और हंसकर बोलते "दे दाल में पानी" अब तो दाल आम आदमी की पहुँच से बाहर हो गयी है और केंद्र की मोदी सरकार चुपचाप हाथ पर हाथ धरी बैठी है, आखिर कौनसी महँगाई कम करने की बात लोकसभा चुनाव से पहले मोदीजी करते थे?
खैर ऐसा लगता है इन डेढ़ सालो में वर्तमान मोदी सरकार के पास यदि कुछ है तो वो है विफलताओं की एक लम्बी लिस्ट और जाहिर है कोई भी सरकार अपनी विफलताएं किसी को बताएगी, तो अब चुनावी सभा में कुछ बोलने को बचा है तो वो है सामने वालो को जी भरकर गाली निकालो, जनता के सामने झूठे वादो की झड़ी लगादो और ये काम मोदीजी बखूबी कर रहे है।
आशा है बिहार की जनता सब कुछ देख और सोच समझ रही होगी, और अपना वोट देने से पहले सही और गलत को परखकर बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए सही आदमी को चुनेगी।
जय हिन्द॥
वन्दे मातरम॥
Bihar, Narendra modi, Modi, Lalu, Lalu yaadav, Nitish, Nitish kumar, Bihar, Election, State election, Bihari, Satrughna sinhaa, BJP, AAP, Arvind kejrivaal, Modi sarkaar
अब आप पूछोगे कि आखिर मैं ऐसा क्या सोच रहा हूँ?
इसके पीछे भी कारण है बिहार की चुनाव रैली जिनमे प्रधानमन्त्री सब कुछ भूलकर एक पार्टी के प्रचारक के रूप में चुनावी सभा करते घूम रहे है, मैंने कुछ चुनावी सभाओ में मोदीजी का सम्बोधन सुना और उससे सुनने के बाद ही मेरे मन में ये सवाल आया कि आखिर मोदीजी के पास ऐसा कुछ भी नहीं जिसे वे अपनी उपलब्धि के रूप में सबको बता सके?
यदि इन डेढ़ साल में कुछ काम किया होता तो आज बिहार की चुनावी सभाओ में मोदीजी को लालू और नितीश को गाली देने के बजाय अपने काम गिनाने से ही फुर्सत नहीं होती और बिहार की जनता से वोट भी यही कहकर माँगते की देखो आपने मुझे केंद्र की सत्ता दी तो मैंने ये ये काम केंद्र सरकार में किया है, ये देखिये मैंने कैसे देश में विकास की गंगा बहा दी है, ये देखिये हमने लोकसभा चुनाव से पहले जनता से ये वादे किये थे और जनता ने हमे इन्ही वादो को पूरा करने के लिए पांच साल के लिए सत्ता सौपी थी और आज डेढ़ साल में हमने आपसे किये वादो में इतने वादे पूरे कर दिए है, इन वादो पर काम चालू हो चुका है, इन वादो पर अभी विचार विमर्श चल रहा है आदि आदि!
सच में यदि केंद्र में मोदी सरकार इन डेढ़ साल में कुछ काम करती तो बिहार की जनता को उन्हें सुनाने के लिए गाली और व्यंग की जगह अपने कामो की लिस्ट होती जो की उनके पास नहीं है।
ना ही लोकसभा चुनाव के वादो का जिक्र है और उससे भी हैरानी की बात है सरकार बनने के बाद ज्यादातर समय विदेशो में बिताने वाले प्रधानमन्त्री के पास तो अपने विदेशी दौरों की भी कोई बताने लायक उपलब्धि नहीं है वरना तो वो इसी का बखान करते रहते।
हाँ उनके पास कुछ है तो वो है झूठे वादे या अमित शाह की भाषा में कहे तो उनके पास है जुमले हाजी वही जुमले जो लोकसभा चुनाव से पहले वादो के रूप में जनता से किये गए और चुनाव जितने के बाद एक पत्रकार को बुलाकर अपने वादो को जुमला घोषित कर दिया जाता है, आज वही खेल बिहार में कर रहे है, हम ऐसा कर देंगे, हम वैसा कर देंगे, अरे भाई कर देंगे, कर देंगे? ये भी बताओ केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है वहां पर आपके क्या किया है?
है कुछ बताने लायक? नहीं है ना?
बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार!!
सुन सुनकर कान पक चुके थे लोकसभा चुनाव से पहले लेकिन ख़ुशी थी जब केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की मोदी सरकार बनी, एक तसल्ली थी की कम से कम अब महंगाई पर तो लगाम लगेगी, पर ये कैसे लगाम ऐसा लग रहा है जैसे लगाम तो लगादी मोदीजी ने महंगाई पर, लेकिन वो लगाम किसी और(कुछ पूंजीपतियों) को सौप दी तभी तो आज सब्जी, प्याज, दाल, टमाटर हर चीज के भाव आसमान छू रहे है, दाल तो मानो आम आदमी की पहुँच से बाहर की बात हो गयी है, हम हॉस्टल में थे तो अक्सर दाल ही बनाते थे क्योंकि यदि खाना खाते समय भी दो दोस्त और आ जाते तो चूल्हे पर पड़ी दाल में एक गिलास पानी और ज्यादा कर देते और हंसकर बोलते "दे दाल में पानी" अब तो दाल आम आदमी की पहुँच से बाहर हो गयी है और केंद्र की मोदी सरकार चुपचाप हाथ पर हाथ धरी बैठी है, आखिर कौनसी महँगाई कम करने की बात लोकसभा चुनाव से पहले मोदीजी करते थे?
खैर ऐसा लगता है इन डेढ़ सालो में वर्तमान मोदी सरकार के पास यदि कुछ है तो वो है विफलताओं की एक लम्बी लिस्ट और जाहिर है कोई भी सरकार अपनी विफलताएं किसी को बताएगी, तो अब चुनावी सभा में कुछ बोलने को बचा है तो वो है सामने वालो को जी भरकर गाली निकालो, जनता के सामने झूठे वादो की झड़ी लगादो और ये काम मोदीजी बखूबी कर रहे है।
आशा है बिहार की जनता सब कुछ देख और सोच समझ रही होगी, और अपना वोट देने से पहले सही और गलत को परखकर बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए सही आदमी को चुनेगी।
जय हिन्द॥
वन्दे मातरम॥
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मान्यवर अपनी-अपनी समझ और देखने सुनने का नजरिया है।मैं आपकी बात से कतई सहमत नही हूं कि मोदी ने डेढ साल में कुछ नहीं किया और इसीलिए बताने को कुछ नहीं है।मेरा मानना है कि जो जमीनी स्तर के काम होते हैं उन्हे किसी को बोल-बोल कर बताने की जरूरत नही होती। वो स्वंय दिखाई देते हैं और मुझे चारों तरफ दिख रहे हैं घर वापसी, लव जेहाद, मजहबी दंगे, खाने-पीने पर दंगे और उच्चस्तरीय कार्यों में ललित गेट, ६००० करोड. का काला धन बाहर भेजना, MP का व्यापम, इत्यादि । और इन्ही सब महान कामों की पहचान मुझे उनके चुनावी भाषणों में सुनाई भी देती हैं। आप तो बेकार ही हमारे मेहनती मोदी चच्चा को नक्कारा साबित करने पर लगे हैं।जाओ हम नहीं पढते आपका ब्लॉग......!!
ReplyDeleteओहो ये तो हमसे बहुत बड़ी गलती हो गयी, इतनी सारी उपलब्धि, बाप रे बाप!!!!!
Deleteहमने तो ध्यान ही नहीं दिया, ये उपलब्धिया तो बहुत ही महान है, अब तो इनके बारे में लिख कर प्रायश्चित करना पडेगा!
मान्यवर अपनी-अपनी समझ और देखने सुनने का नजरिया है।मैं आपकी बात से कतई सहमत नही हूं कि मोदी ने डेढ साल में कुछ नहीं किया और इसीलिए बताने को कुछ नहीं है।मेरा मानना है कि जो जमीनी स्तर के काम होते हैं उन्हे किसी को बोल-बोल कर बताने की जरूरत नही होती। वो स्वंय दिखाई देते हैं और मुझे चारों तरफ दिख रहे हैं घर वापसी, लव जेहाद, मजहबी दंगे, खाने-पीने पर दंगे और उच्चस्तरीय कार्यों में ललित गेट, ६००० करोड. का काला धन बाहर भेजना, MP का व्यापम, इत्यादि । और इन्ही सब महान कामों की पहचान मुझे उनके चुनावी भाषणों में सुनाई भी देती हैं। आप तो बेकार ही हमारे मेहनती मोदी चच्चा को नक्कारा साबित करने पर लगे हैं।जाओ हम नहीं पढते आपका ब्लॉग......!!
ReplyDeleteblogger Chaccha, kahi to bachare bhole bhale hamare pyare modu chaccha ki jaan chod do. yaha bhi marne lage unhe- @arv_ga
ReplyDeletebhaai hum koun hote hai unki jaan pakdane vaale, vo to pahle hi bade bade punjipatiyon ki girfat me aa chuki hai
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