Wednesday, February 8, 2017

मर्यादा खोता प्रधानमंत्री पद

आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संबोधन सुना तो मैं दंग रह गया उन्हें सुनकर।
 
जिस तरह से उन्होंने भूकंप पर ठहाका लगाया उसे सुनकर एक बार तो मुझे अपने कानों पर और आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं भारत की ही संसद और भारत के ही प्रधान मंत्री को देख और सुन रहा हूं।
उत्तराखंड में भूकंप आया आपको बता दूं कि उत्तराखंड हमारे अखंड भारत का ही हिस्सा है तो इस देश के प्रधानमंत्री होने के नाते मोदी जी को दुख होना चाहिए था कि हमारे ही देश के एक हिस्से में भूकंप आया वह वहां जान माल की हानि हुई, लेकिन जो संसद में देखने को मिला वह बहुत ही दुर्भाग्यजनक था मोदी जी भूकंप पर ठहाका लगाते हैं और इस ठहाके में उनका साथ देते हैं भारतीय जनता पार्टी के सांसद जो मेज बजाते हैं तालियां बजाते हैं और ठहाका लगाते हैं कि आखिर भूकंप आ ही गया।
 
आखिर मोदी जी भारत देश से और हम भारतवासियों से इतनी नफरत क्यों करते हैं उन्हें किस बात की खुशी हुई जिसके लिए वह ठहाका लगा रहे थे भूकंप भारत में आया तो उन्हें खुशी कैसे हो सकती है?
 
आज सच में मुझे लगता है कि जिन 31 प्रतिशत लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर मोदी जी को प्रधानमंत्री चुना उन्होंने एक बहुत बड़ी भूल कर दी उन्होंने अपने ही देश के दुखों पर हंसने वाले आदमी को प्रधानमंत्री का पद दे दिया।

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