सभी बुद्धिजीवी जो आज चुपचाप अपने घरो में बैठे है अपने दिल पर हाथ रखकर सच बोलना यदि ये लड़का भाजपा नेता का बेटा ना होकर किसी अन्य दल का होता तो क्या वो इसी तरह चुपचाप बैठे रहते? जो लोग गुरमेहर कौर को लेकर तरह तरह के कमेंट, गुस्सा, मारने, उसे पाकिस्तानी सिद्ध करने पर उतर आये थे वो आज अपने ही बीच की एक बेटी के साथ हुए इस डरावने सच पर चुप है| गुरमेहर ने केवल ये कहा था की युध्द समाधान नहीं है, उसने युद्ध में अपना पिता खोया है, और आज खुद प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी यही बोल रही है की युद्ध कोई समाधान नहीं है लेकिन फिर भी एक सामान्य नागरिक से लेकर बड़ी बड़ी हस्तियाँ, जिन फ़िल्मी सितारों के पास 1 मिनट का समय नहीं होता वो भी गुरमेहर को गरियाने के लिए सोशल मिडिया से लेकर टीवी पर बाइट देने तक कही कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे ताकि किसी तरह उस लड़की की आवाज को दबा दिया जाये|
एक IAS अधिकारी, वो भी उसी सरकार में जिसके नेता के बेटे ने उस अधिकारी की बेटी को दहशत भरे कुछ घंटे बिताने पर मजबूर कर दिया|
ऐसा ही कुछ हुआ था चंडीगढ़ की सड़को पर, वर्णिका की हिम्मत और किस्मत मानो की एक और निर्भया नहीं बनी, वरना जिस तरह से उस रात हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला ने अपने दोस्त के साथ मिलकर वर्णिका का जिस तरह से पीछा किया उससे तो यही लगता है, यदि भाजपा अध्यक्ष का बेटा अपने मकसद में कामयाब हो जाता तो शायद हम सब एक शाम फिर से कैंडल मार्च कर अपनी सामजिक जिम्मेदारियां निभा देते लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वर्णिका बच गयी उन दरिंदो के चंगुल से|
पर समाज के लिए मुश्किल समय अब आ गया जब वर्णिका बच गयी और उसके बहादुर पिता आईएएस अधिकारी ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए मोर्चा खोल दिया|
जितना मुश्किल समाज के लिए अब है उतना मुश्किल नहीं होता यदि विकास भाजपा अध्यक्ष का बेटा ना होकर अन्य दल के नेता का बेटा होता|
लेकिन आज उन्ही सभी तथाकथित VIP के पास एक बेटी को न्याय मिल सके इसके लिए कुछ शब्द भी नहीं है?
चलो उन VIP की तो समझ में आती है क्योंकि उनके इतने काले कारनामे होते है की यदि वो सरकार के खिलाफ कुछ भी बोले तो 1 मिनट में सरकार उन्हें सड़क पर ला सकती है अपनी तमाम एजेंसी उनके पीछे लगाकर अतः हम ये मानकर चल सकते है की वो सभी अभिनेता, कलाकार, खिलाड़ी केवल सत्ता के लिए भोपू का काम करते है, सरकार कुछ बोलती है तो वो भोपू बनकर उस आवाज को दूर तक पहुंचाने में मदद करते है|
लेकिन इस देश के आम आदमी को क्या हो गया? जिस मिडिया से सरकारे डरती थी उस मिडिया को क्या हो गया?
ठीक है आप सबकी अपनी अपनी प्राथमिकता और राजनितिक प्रतिबद्धता है लेकिन सोचिये आज जब एक IAS अधिकारी अपनी बेटी को न्याय नहीं दिला पा रहा है, या न्याय के लिए आवाज उठाने से पहले वो डर से भर जाता है की न्याय के लिए आवाज उठाने के बाद उसके और उसके परिवार के साथ कुछ भी हो सकता है तो एक आम आदमी की तो सुनने वाला बचा ही कहाँ है?
आप चुप रहिये, निभाइये अपने राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा पर याद रखिये आज वर्णिका है कल कोई और होगी, आज अगर आपके चुप रहने से ये रसूखदार लोग कानून के शिकंजों से बच निकलते है तो कल यदि ईश्वर ना करे ऐसा हो पर यदि आपके परिवार रिश्तेदार की बहन बेटी के साथ ऐसा होता है तो सच मानिये आप बहुत रोयेंगे उस दिन आज की अपनी इस ख़ामोशी पर|
जनता से बड़ा कुछ नहीं है, और जनता के पास जो ताकत है वो बड़े बड़े सिंहासनो को झुकने पर मजबूर कर सकती है फिर ये तो महज एक भाजपा नेता का बेटा है|
मैं ये नहीं कहता की भाजपा नेताओ की तरह आप उग्र प्रदर्शन करे, जैसे की हमे 2014 से पहले देखने को मिलते थे लेकिन कम से कम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाइये, और आज वर्णिका के लिए इन्साफ की मांग कीजिये| आज आप बोलेंगे तो कल को कोई और विकास अपने पिता के राजनीतिक पद का फायदा उठाकर किसी और वर्णिका का पीछा नहीं करेगा, और यदि आज आप खामोश रहे तो कल कोई वर्णिका होगी, कल कोई और निर्भया होगी, आज जो दो चार लोग बोलने की हिम्मत जुटा रहे है वो भी धीरे धीरे खामोश हो जायेंगे या खामोश कर दिए जायेंगे|
निर्णय आपको लेना है, कोई और निर्भया ना देखने को मिले|
जय हिन्द
वंदे मातरम्
नोट - मेरे इस लेख से किसी की भी भावनाये आहत हुई हो तो मैं इसके लिए क्षमा चाहता हूँ|
#ChandigarhStalking
Chandigarh stalking case
भाजपा के बेटे से भारत की बेटी बचाओ
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