Sunday, September 17, 2017

भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड सरकार के शिक्षा मंत्री के अनुसार (-1) + (-1) = 0 होता है

कितने पढ़े लिखे हो?
हाँ, आपसे ही पूछ रहा हूँ भाई!
गणित के विद्वान पंडित हो?
चलो तो बताओ (-) + (-) = ?

भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड सरकार के शिक्षामंत्री पर लगा महिला शि‍क्षक से अभद्रता का आरोप
भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड सरकार के शिक्षामंत्री पर लगा महिला शि‍क्षक से अभद्रता का आरोप
भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड सरकार में शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे जब निरीक्षण के लिए एक सरकारी स्कूल पहुंचे तो एक अध्यापिका से सवाल कर बैठे!
बताइये माइनस प्लस माइनस क्या होगा?

अक्सर जैसे सभी पढ़े लिखे लोग और विषय के जानकार व्यक्ति को जो जवाब देना चाहिए वही जवाब अध्यापिका ने भी दिया की माइनस प्लस माइनस बराबर माइनस ही होगा (-) + (-) = (-)
लेकिन भारतीय जनता पार्टी सरकार के शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे जी इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने अध्यापिका को सभी विद्यार्थियों और अधिकारियों के सामने पाठ पढ़ा दिया की (-) + (-) = + होगा लेकिन वो इस पर ही नहीं रुके इसके साथ साथ उन्होंने कई हिदायतें  दे डाली की ये एक बेसिक चीज है जो उन्हें पता होना चाहिए|
अब पता नहीं ये भारतीय जनता पार्टी अपने समर्थकों, विधायकों, मंत्रियों को कौनसी स्पेशल स्कूल में भेजकर क्या ख़ास पढ़ाई पढाते है जिसमे (-) + (-) = + हो जाता है|
देखिये पूरा विडिओ  (सौजन्य : NDTV India)
भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड सरकार के शिक्षामंत्री पर लगा महिला शि‍क्षक से अभद्रता का आरोप 


फिर शिक्षा मंत्री जी ने उदाहरण भी दिया  (-1) + (-1 ) = 0 होगा
चलो एक बार तो मान भी लिया की बीजेपी ने शिक्षा मंत्री का पद किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया होगा जो इतना पढ़ा लिखा नहीं हो और उस बेचारे को ये सब नहीं पता हो लेकिन बस सत्ता के अहंकार में उनसे सवाल कर लिया और अपना रौब दिखाने के लिए उसने उस महिला शिक्षक को नीचा दिखाने के लिए गलत जवाब को सही ठहरा कर उसका अपमान कर खुद के मंत्री पद की धौंस जमा दी, लेकिन इस पूरे प्रकरण में सोचने वाली बात ये है की वहाँ मौजूद किसी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं हुई की वो शिक्षामंत्री को ये कह सके की नहीं सर आप गलत है और महिला शिक्षक सही है (-) + (-) = (-) ही होगा, कोई एक अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं हो पाई की वो सत्य का साथ दे सके|
कभी देखिये आप जब आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के मंत्री, विधायक, यहाँ तक मुख्यमंत्री तक जब जाते है लोग कैसे बिना किसी डर के अपनी रखते है, सवाल जवाब करते है|

आखिर भारतीय जनता पार्टी के झूंठ पर कुछ नहीं बोलने का ये डर लोगो के बीच कहाँ से आ गया, क्या ये एक महज संयोग है या लोगो को भी पता है की भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता, मंत्री, विधायक के झूंठ पर यदि किसी ने कुछ बोला तो उसका अंजाम उसे भुगतना होगा?
यदि ऐसा नहीं नहीं तो फिर मेरे पास कोई और कारण नहीं है जिसकी वजह भाजपा सरकार के मंत्री झूंठ बोलकर एक पूरी पीढ़ी को गलत शिक्षा दे रहे थे तब सभी अधिकारी चुपचाप देखते रहे, वो मंत्री जी को ये कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए की आप गलत बता रहे है सर, हमारे विद्यार्थी इससे गलत सीखेंगे हमे उन्हें सही शिक्षा देनी चाहिए और सही ये है की (-) + (-) = (-) ही होता है|
दोस्तों यही तो गुलामी है, की आप ये जानते हुए की सामने वाला झूंठ बोल रहा है आप चुपचाप सहन करते है, सोचिये उसी कक्षा में यदि उनमे से किसी अधिकारी का बेटा/बेटी बैठी हो और वो बच्चा घर आने पर अपने उन अधिकारी पिताजी से पूछे की पापा वो मंत्री झूंठ बोल रहा था वो गलत पढ़ा रहा था आप चुप क्यों थे? आपने उन्हें सही क्यों नहीं किया?
अंग्रेजो की गुलामी के समय भी यही होता था हमे पता होता था की वो अंग्रेज अधिकारी झूंठ बोल रहा है लेकिन फिर भी देशवासियों को चुपचाप सहन करना पड़ता था|
इससे पहले की देर हो जाए अपनी आँखों पर पड़ा ये अंधभक्ति का पर्दा उठाइये और देखिये कैसे हम सब एक बार फिर गुलामी के दौर की तरफ बढ़ रहे है|
यदि मेरे इस लेख से किसी की भी भावनाये आहत हुयी हो तो मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूँ|


BJP Govt Uttarakhand education minister arvind pandey gives new thery of arithmetic

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