Sunday, January 17, 2016

दिल्ली सरकार की प्रदूषण के खिलाफ जंग #OddEvenPolicy

सबकी पोल खोलता दिल्ली सरकार की प्रदूषण के खिलाफ जंग Odd ईवन फार्मूला 

अब आप कहेंगे इसमें पोल खोलने वाली कौनसी बात है भाई? दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए एक फार्मूला Odd Even अपनाया जिसके तहत सम दिवस को सम नंबर की गाड़ियाँ और विषम दिवस पर विषम नम्बर की गाड़ियाँ चलेगी, बस इतना ही तो है इसमें किसकी क्या पोल खुल गयी?

अभी आप जैसे जैसे ये पढ़ते जायेंगे आपको समझ आएगी कैसे और किन किन लोगो की पोल दिल्ली सरकार के इस एक निर्णय ने खोल दी है। 

चलो इससे पहले की मैं दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के odd even फोर्मुले का जिक्र करूँ मैं आपको भूतकाल की और लेकर जाना चाहता हूँ, जब केंद्र की मोदी सरकार ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की, क्या आपमें से कोई भी बता सकता है किसी ने उस स्वच्छता अभियान की खिलाफत की? नेता, पार्टी, सामाजिक संगठन, अभिनेता, टीवी चेनल, न्यूज़ एंकर कोई भी ऐसा होगा जिसने इसकी विरोध में कुछ कहा? मैं अभियान के घोषणा और शुरुआत की बात कर रहा हूँ, आप भ्रमित न हो जाए? क्यों इसके विरोध में भी बाते हुयी थी लेकिन वो बाद में जब मोदी सरकार के मंत्री केवल एक फोटोशूट के लिए हाथ में झाड़ू लेकर खड़े जाते है और सफाई का नाटक करने के लिए पहले कुछ कार्यकर्त्ता पेड़ो पत्ते वहाँ पर बिखेर देते है और बाद में भाजपा मंत्री हाथ में झाड़ू लेकर फोटो शेसन करके चले जाते है। 

मुझे तो कही भी ऐसा याद नहीं आ रहा जहाँ पर किसी भी टीवी चैनल, एंकर, संवाददाता किसी ने भी इसका विरोध किया हो या इसकी खिल्ली उड़ाई हो। 

चलो अब आते है आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण के खिलाफ जंग में सम विषम नियम की घोषणा, जैसे ही दिल्ली सरकार ने इसकी घोषणा की कुछ टीवी चैनल, एंकर और भाजपा व कांग्रेस के तमाम नेता व प्रवक्ताओ ने इसकी जबरदस्त खिलाफत की, चेनलो ने अपने आप से केवल इस अभियान की घोषणा भर मात्र पर प्रश्नचिन्ह लगाकर कुछ इस तरह की कोशिश की जैसे वो इस स्कीम के शुरू होने से पहले ही दिल्ली में ऐसा माहोल बनाने की कोशिश कर रहे हो की दिल्ली की जनता इसके खिलाफ होकर सड़को पर उत्तर आये और इस स्कीम को लागु न होने दिया जाए। 

आखिर क्या चाहते है ये टीवी चैनल व भाजपा कांग्रेस के नेता? दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है, डॉ त्रेहान ने तो दिखाया है कैसे दिल्ली के लोगो के फेफड़े काले है जबकि अन्य राज्य के लोगो के फेफड़े काले नहीं है, उस कालेपन का कारण दिल्ली की हवा में घुला हुआ जहर है जिसे दिल्ली की जनता श्वांश के दवारा अंदर लेने को मजबूर है, ऐसी स्तिथि में यदि किसी सरकार इसे प्राथमिकता पर लेते हुए कुछ कठोर कदम उठाये है तो बजाय इसके की इस मुहीम का समर्थन किया जाए और इसे सफल बनाने में जितना योगदान दिया जा सके उतना योगदान दे के विपरीत सब के सब लग गए की कैसे भी करके इस  योजना को फेल किया जाए? भारतीय जनता पार्टी की सोशल मिडिया टीम ने बिलकुल इसके विरोध में सोशल मिडिया पर #OddEven_का_रायता नाम से हेश टैग भी लॉन्च किया। 

यदि किसी ने इसका विरोध नहीं किया तो वो थी दिल्ली की जनता, हाँ बिलकुल दिल्ली की जनता ने इस मुहीम का खुले दिल से स्वागत किया और दिल्ली की आबो हवा को साफ़ करने के लिए इस कठोर कदम का स्वागत ही नहीं किया अपितु अपनी तरफ से पूरा सहयोग किया, मानो  जनता ने इसे सरकारी आदेश ना मानते हुए  एक आंदोलन, एक मुहीम केरूप में स्वतः ही अपना लिया हो। 

जब जनता का साथ हो तो और क्या चाहिए, और वैसे भी ये दिल्ली की जनता के  लिए किया जा रहा था तो जो भाजपा, कांग्रेस के नेता और कुछ मीडिया वाले इसके खिलाफ थे उनकी क्या परवाह करना आखिर दिल वालो की दिल्ली का समर्थन जो मिल चुका था। 

हाँ यदि किसी चैनल ने इसका समर्थन किया तो मेरी नजर में वो चैनल है NDTV इंडिया हिंदी चैनल जिसने इस मुहीम का खुला समर्थन किया और अपनी तरह से भी एक मुहीम #ICantBreath शुरू की जिसमे वो बार बार दिल्ली की जनता से अपील करते रहे ओड ईवन का पालन करने की। 

प्राइम टाइम शो में रविश कुमार ने तो इस बार खुली बहस भी करवाई और कई रिपोर्ट पेश कर इसका समर्थन करते हुए यहां तक कहा की 1 जनवरी का इन्तजार क्या करना इसे तुरंत लागू करना  चाहिए दिल्ली की हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी  थी और इसे रोकना अत्यधिक जरूरी थी, ये भले किसी को बाहरी तौर पर आसानी से दिखाई ना दे पर इसे आप एक महामारी से भयंकर मान सकते हो, दिसंबर माह में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर दिन खतरे से ऊपर था जिसे रोकना बेहद जरुरी था, अब इन सब बातो का तमाम समाचार चैनल वालो, भाजपा, कांग्रेस सबको पता था लेकिन फिर भी दल्ली सरकार के इस कदम का साथ ना देकर इसकी खिलाफत करना? 
क्या सिद्ध करता है? की अपनी राजनितिक विरोधी पार्टी को निचा दिखाने के लिए वो किसी भी हद्द तक गिर सकते है? बहुत अफ़सोस होता है इन पार्टियों के नेताओ पर जो इस तरह की ओछी हरकत से भी बाज नहीं आये, ये तो लाख लाख शुक्र है दिल्ली की जनता का हो इनके किसी बहकावे ने नहीं आई और खुले दिल से इस मुहीम का स्वागत ही नही किया अपितू पूरी दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया की कैसे दिल्ली की जनता सरकार के इस फैसले के साथ खड़ी होकर इसे सफल करवाती है। 

आया समझ में कैसे और किनकी पोल खोली इस मुहीम ने? 

ये मिडिया वाले कुछ चैनल, और देश के  प्रमुख पार्टियाँ जिन्होंने अब तक इस देश पर राज किया वो तो बिलकुल से ही बेनकाब हो गयी, चलो इसी बहाने लोगो को इन पार्टियों और मीडिया हॉउस की सच्चाई और मानसिकता तो पता लगी। 

जब दिल्ली में ओड ईवन चल रहा था तब NDTV ने इसकी सच्चाई जानने के लिए एक एम्बुलेंस के द्वारा परीक्षण किया तो पाया की एक निश्चित दुरी जिसे पूरा करने में इस मुहीम के शुरू होने  35  मिनट लगती थी, ओड इवन के दौरान वहीं दूरी मात्र 18 मिनट में पूरी की। तो आप अंदाजा लगा  सकते है कैसे ये स्कीम  के हित में थी। 
धन्यवाद दिल्ली ये सब केवल आपके सहयोग से संभव हो पाया। 

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