Sunday, December 27, 2015

#MannKiBaat विकलांग की जगह दिव्यांग का प्रयोग करे

Modiji on Mann ki Baat Vikaalng Divyang
#MannKiBaat PM Narendra Modi
आज फिर वो रविवार था जब हमारे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदीजी को रेडियों पर मन की बात करनी थी, हाँ कुछ ऐसा ही नाम दिया है इस कार्यक्रम को #मन_की_बात।
देश के असंख्य लोगो को इन्तजार भी रहता है की शायद आज मोदी जी मन की बात की जगह कोई ढंग की बात करेंगे या यो कहे कोई काम की बात करेंगे।
अफ़सोस इस बार भी देश को निराशा ही हाथ लगी, जो आज की मन की बात का मुख्य बिंदु रहा वो है प्रधानमंत्री जी देशवासियों को कहा है की विकलांगो को दिव्यांग कह कर पुकारे!!!
चलो प्रधानमंत्रीजी आपकी बात मान ली विकलांगो को दिव्यांग कह कर बुला दिया अब क्या हुआ? क्या वो दिव्यांग ठीक हो गया? क्या उसकी स्तिथि में कुछ सुधार हो गया? नाम बदलने से क्या हो गया मेरी तो समझ से बाहर की बात है।
भारत वर्ष में महिलाओ के नाम के आगे देवी लगाया जाता है, लेकिन सारी दुनिया जानती है उन देवियों की हालत क्या है, आज भी हमारा समाज उन्हें देवी जैसा सम्मान नहीं दे पाया, नई वधु को जब घर में प्रवेश करवाते है तो उसे गृह लक्ष्मी कहते है पर ना जाने कितनी ही गृह लक्ष्मियों को शादी के कुछ ही महीनो बाद अनगिनत प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ता है और बहुत सी गृह लक्ष्मिया ये जीवन छोड़ने पर मजबूर हो जाती है।
पूरे देश का तो पता नहीं पर हमारे राजस्थान में महिलाओ को घर की मालकिन कह कर पुकारा जाता है, जब भी कोई बात होती है तो यही कहते है
"भाया मालकण नै पूछणो पड़सी"
पर वो केवल नाम की ही मालकिन है उनकी दशा जो घर में होती है वो तो नौकर से भी बदतर होती है।
तो फिर विकलांगो को दिव्यांग कहने से क्या बदल जाएगा मोदीजी?

अच्छा तो होता आप देश के प्रधानमंत्री है, और वो भी पूर्ण बहुमत से कुछ ऐसी घोषणा करते जिससे उन विकलांगो को अंग प्रत्यारोपण में सरकार सहयोग करती और उन्हें सच में दिव्यांग बनाया जा सकता, इन ढकोसलों और थोथी बातो की जगह कोई काम के बात की घोषणा करते।

आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है की किसी भी अंग का प्रत्यारोपण होना संभव हो गया है, यदि आप सच में विकलांगो/दिव्यांगों के लिए कुछ करना चाहते थे सरकार की तरफ से ऐसे नए हॉस्पिटल की घोषणा करते जहां उन विकलांगो को सरकार फ्री या बहुत कम खर्च में अंग प्रत्यारोपण करती वो होता सच में एक प्रधानमंत्री  का काम।

चलो इतना बड़ा काम भी आप  नहीं करना चाहते तो ये तो सारी दुनिया को पता है कि दिल्ली विश्व में सबसे प्रदूषित शहरो की गिनती में आता है और उस प्रदूषण की वजह से ना जाने कितनी बीमारियाँ लोगो को जकड रही है और आने वाली पीढ़िया शायद दिव्यांग पैदा होने लग जाए, आज दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उस प्रदूषण रूपी दानव को खत्म करने के  लिए पहल की है, अच्छा होता आप मन की बात में केवल १ मिनट भी उस पर बोलते, दिल्ली वासियों को आग्रह करते की ये कदम उन्ही के बच्चो के स्वास्थ्य के लिया उठाया जा रहा है उसमे सहयोग करे, जैसे आपने स्वच्छ भारत का आग्रह किया था प्रदूषण मुक्त दिल्ली का भी आग्रह कर सकते थे?
या केवल ये सब इसीलिए नहीं किया की ये दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार कर रही है, तो आप उनके किसी भी अच्छे काम को सफल होता कैसे देख सकते है?

इतनी भी क्या दुश्मनी प्रधानमंत्रीजी? और फिर दुश्मनी किस बात की? क्या आप दिल्ली की जनता के प्रधानमंत्री नहीं है? दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है अर्थात आपकी तो और भी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है दिल्ली की जनता के प्रति तो फिर अपने घमंड और अहम से बाहर आकर दिल्ली की जनता से बहुत बड़ी हार की जलन आज भी आपकी रातो की नींद हराम करती है उसे सच्चे दिल से स्वीकार करे, जिस प्रधानमंत्री को पूरे देश यहां तक की दिल्ली भी बहुत भारी बहुमत से उस पद तक पहुंचाया है उसी दिल्ली ने उन्हें इतनी बड़ी हार कुछ ना कुछ सन्देश देने के लिए दी है तो उस सन्देश को समझे और दिल्ली की जनता के हित में हो रहे कार्यों पर खुलकर समर्थन करे और अपना सहयोग दे, वरना तो जो दिल्ली की जनता ने दिया था वो अन्य राज्य भी आप तक पहुँचा  सकते है।

धन्यवाद । जय हिन्द ॥

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