क्या आपने कभी सुना है की एक किसी ने किसी के परिवार के लोगो की ह्त्या करदी हो और फिर पीड़ित परिवार शिकायत करे की फलां आदमी ने मारा है और इनके इस आरोप पर वो फलां आदमी कहता है ठीक है मैं आपके घर में आऊंगा आपके घर का मौका मुआवना करूँगा और आपके लोगो से पूछताछ करूँगा की सच में मैंने ही मारा है क्या?
जोर लगाइए अपनी याद्दाश्त पर क्या कभी ऐसे कोई घटना सुनी है? जिसमे मुजरिम ही जांच करने आयेगा और फिर रिपोर्ट पेश करेगा की सच में वो मुजरिम है या नहीं।
क्या अपेक्षा रखते है आप यदि ऐसा होता है तो? क्या वो मुजरिम ये स्वीकार करेगा की हाँ साहब मैं ही अपराधी हूँ?
आप कहेंगे पागल हो गए हो कैसे एक अपराधी/मुजरिम को आप अनुमति दे सकते है की वो जांच करे और फिर बताये की सच में वो मुजरिम है या नहीं? भला वो अपने आप को क्यों मुजरिम करार देगा, जब जांच ही उसके हाथ में है तो वो क्या मुर्ख है जो खुद को मुजरिम करार दे देगा, उलटे आपने से उसे पूरा अधिकार दे दिया है की वो खुद को बेगुनाह कह सकता है। ऐसा तो कोई पागल ही करेगा।
बिलकुल ठीक कह रहे है आप
पठानकोट तो सबको याद होगा
आखिर कैसे भूल सकते है हमारे 7 जवान शहीद हो गए, 5 दिन से भी अधिक पठानकोट ऑपरेशन चला और 7 जवानों के बलिदान के बाद भारत माँ के लाडलो ने आंतकियों को मार गिराया। केंद्र सरकार/रक्षा मंत्री/गृहमंत्री के वो जल्दबाजी में दिए गए बयान जिसमे उन्होंने पठानकोट ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की घोषणा करदी दी थी जबकि असल में हमारे जवान अभी भी दुश्मनो(आतंकियों) से लड़ रहे है, पता नहीं किस आधार पर उन्होंने ये घोषणा की होगी, वो इस घटना की सच में जानकारी रख भी रहे थे या नहीं? (विस्तृत समाचार..... )
भारत में इस पूरे आतंकी हमले के सबूत पाकिस्तान को दे दिए की वो दोषी है, आतंकवादी पाकिस्तानी थे, और जैसा की सदा से होता आया है पाकिस्तान ने तुरंत इसे नकार दिया की सबूत पर्याप्त नहीं है, पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।
और आज (27/03/2016) पाकिस्तान की एक जांच टीम भारत पहुँच गयी है ये जांच करने की उन्होंने हमला किया था नहीं, हंसी आती है कैसे मोदी सरकार ने पाकिस्तान के आगे झुककर ये स्वीकार कर लिया की आइये आप अपने बेगुनाह होने के सबूत तलाशिए हमारे देश में? आखिर ये कौनसी देशभक्ति है? कल तक जिस पाकिस्तान से बात भी करने पर कांग्रेस सरकार को दुत्कारते थे, लव लेटर लिखना बंद करो, उनको उन्ही की भाषा में जवाब दो, एक के बदले दस सर लेकर आओ आदि आदि स्लोगन देने वाे लोग आज सत्ता में आते ही कैसे पाकिस्तान के सामने झुकते नजर आ रहे है?
अब पाकिस्तानी टीम पठानकोट को मौका मुआयना करेगी, हमारे है अधिकारियों से अपराधियों की भाँती पूछताछ करेगी? क्या सोच रहा होगा हमारा वो जवान जो अपने देश हमारी भारत माँ की आन बान शान में अपनी जान की बाजी भी लगा देने को तैयार रहता है आज मोदी सरकार ने उसे भी पाकिस्तानी जांच एजेंसी के हवाले कर दिया है? कैसा महसूस करेगा वो सैनिक जब दुश्मन उससे पूछताछ करेगा और अपने पक्ष में सबूत जुटाएगा और रिपोर्ट में पेश करेगा की वो बेगुनाह है। (विस्तृत समाचार........)
बहुत खूब मोदीजी आपने देश को ये दिन भी दिखाये की हमारे ही दुश्मन हमारे देश में आकर हमारे ही सैनिकों से पूछताछ करेंगे एक अपराधी की भांति।
काश चुनावी रैलियों में जो मोदीजी गरजते थे वही मोदीजी इस देश के प्रधानमंत्री होते तो आज देश को ये दिन देखने नहीं पड़ते।
कोई लौटा दो वो चुनावी रैलियों वाला मोदी जो पाकिस्तान को उसकी की भाषा में जवाब देने की क्षमता रखता है।
जय हिन्द
वन्दे मातरम
भारत माता की जय
जोर लगाइए अपनी याद्दाश्त पर क्या कभी ऐसे कोई घटना सुनी है? जिसमे मुजरिम ही जांच करने आयेगा और फिर रिपोर्ट पेश करेगा की सच में वो मुजरिम है या नहीं।
क्या अपेक्षा रखते है आप यदि ऐसा होता है तो? क्या वो मुजरिम ये स्वीकार करेगा की हाँ साहब मैं ही अपराधी हूँ?
आप कहेंगे पागल हो गए हो कैसे एक अपराधी/मुजरिम को आप अनुमति दे सकते है की वो जांच करे और फिर बताये की सच में वो मुजरिम है या नहीं? भला वो अपने आप को क्यों मुजरिम करार देगा, जब जांच ही उसके हाथ में है तो वो क्या मुर्ख है जो खुद को मुजरिम करार दे देगा, उलटे आपने से उसे पूरा अधिकार दे दिया है की वो खुद को बेगुनाह कह सकता है। ऐसा तो कोई पागल ही करेगा।
बिलकुल ठीक कह रहे है आप
पठानकोट तो सबको याद होगा
आखिर कैसे भूल सकते है हमारे 7 जवान शहीद हो गए, 5 दिन से भी अधिक पठानकोट ऑपरेशन चला और 7 जवानों के बलिदान के बाद भारत माँ के लाडलो ने आंतकियों को मार गिराया। केंद्र सरकार/रक्षा मंत्री/गृहमंत्री के वो जल्दबाजी में दिए गए बयान जिसमे उन्होंने पठानकोट ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की घोषणा करदी दी थी जबकि असल में हमारे जवान अभी भी दुश्मनो(आतंकियों) से लड़ रहे है, पता नहीं किस आधार पर उन्होंने ये घोषणा की होगी, वो इस घटना की सच में जानकारी रख भी रहे थे या नहीं? (विस्तृत समाचार..... )
भारत में इस पूरे आतंकी हमले के सबूत पाकिस्तान को दे दिए की वो दोषी है, आतंकवादी पाकिस्तानी थे, और जैसा की सदा से होता आया है पाकिस्तान ने तुरंत इसे नकार दिया की सबूत पर्याप्त नहीं है, पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।
और आज (27/03/2016) पाकिस्तान की एक जांच टीम भारत पहुँच गयी है ये जांच करने की उन्होंने हमला किया था नहीं, हंसी आती है कैसे मोदी सरकार ने पाकिस्तान के आगे झुककर ये स्वीकार कर लिया की आइये आप अपने बेगुनाह होने के सबूत तलाशिए हमारे देश में? आखिर ये कौनसी देशभक्ति है? कल तक जिस पाकिस्तान से बात भी करने पर कांग्रेस सरकार को दुत्कारते थे, लव लेटर लिखना बंद करो, उनको उन्ही की भाषा में जवाब दो, एक के बदले दस सर लेकर आओ आदि आदि स्लोगन देने वाे लोग आज सत्ता में आते ही कैसे पाकिस्तान के सामने झुकते नजर आ रहे है?
अब पाकिस्तानी टीम पठानकोट को मौका मुआयना करेगी, हमारे है अधिकारियों से अपराधियों की भाँती पूछताछ करेगी? क्या सोच रहा होगा हमारा वो जवान जो अपने देश हमारी भारत माँ की आन बान शान में अपनी जान की बाजी भी लगा देने को तैयार रहता है आज मोदी सरकार ने उसे भी पाकिस्तानी जांच एजेंसी के हवाले कर दिया है? कैसा महसूस करेगा वो सैनिक जब दुश्मन उससे पूछताछ करेगा और अपने पक्ष में सबूत जुटाएगा और रिपोर्ट में पेश करेगा की वो बेगुनाह है। (विस्तृत समाचार........)
बहुत खूब मोदीजी आपने देश को ये दिन भी दिखाये की हमारे ही दुश्मन हमारे देश में आकर हमारे ही सैनिकों से पूछताछ करेंगे एक अपराधी की भांति।
काश चुनावी रैलियों में जो मोदीजी गरजते थे वही मोदीजी इस देश के प्रधानमंत्री होते तो आज देश को ये दिन देखने नहीं पड़ते।
कोई लौटा दो वो चुनावी रैलियों वाला मोदी जो पाकिस्तान को उसकी की भाषा में जवाब देने की क्षमता रखता है।
जय हिन्द
वन्दे मातरम
भारत माता की जय