Friday, September 19, 2014

चीन की दादागिरी और मोदी की मेहमाननवाजी- Is this proove Modi is a weak PM

BJP leaders on Chinese incursion when not in Power
अभी पिछले ही साल की बात है जब भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के समस्त बड़े बड़े पदाधिकारी एक साथ मिलकर देश के राष्ट्रपति महोदय मिलने जा रहे थे और सन्दर्भ था चीनी सेना हमारे देश की धरती पर आ गयी थी । उधर पार्टी के बड़े पदाधिकारी राष्ट्रपति महोदय से मिल रहे थे, इधर कार्यकर्ताओं की टीम सरकार  प्रति अपना गुस्सा सड़क पर जाहिर कर रही थी कि ये सरकार चीन के खिलाफ कुछ कर क्यों नहीं रही ।



सोशल मिडिया पर भी भाजपा के नेटवीर तत्कालीन प्रधानमन्त्री को बहुत कुछ भला बुरा कह रहे थे, यहाँ तक की कुछ लोग तो उन्हें नपुंसक तक बता बैठे । 



पर आज चारो तरफ शांति है, चीनी सैनिक फिर से हमारी सीमा में घुस चुके है, हजारो की संख्या में चीनी सैनिक और नागरिक भारत की सीमा में घुस चुके है और हमारे ही सैनिको को बंधक भी बनाये हुए है पर ना ही मिडिया को इस बात का दर्द है और ना ही बीजेपी समर्थक जो हर छोटी सी बात पर सड़को पर आ जाते थे उन्होंने कोई शिकायत है, आज चीन की ये घुसपैठ भी उन्हें अच्छी लगती है, इसके उल्ट यदि सोशल मिडिया पर कोई इस बार में बोले की चीनी सैनिक हमारी सीमा में है और सरकार कुछ नहीं कर रही तो बीजेपी के नेटवीर तुरंत गाली गलोच शुरू कर बन्दे को देशद्रोही करार दे देते है, पता नहीं चीनी सैनिको का विरोध करने पर एक आदमी देशद्रोही कैसे हो जाता है?

Narendra Modi, Indian PM with Xi jinping India visit
नजारा तो और भी घटिया तब लगता है जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति को दावत देते है, उनके लिए शाही इंतजाम करते है, उन्हें खड़े होकर खुद झूला झुलाते है । उनकी आवभगत इस तरह करते है जैसे वो ही हमारे देवता हो और ना जाने क्या देकर जाएंगे भारत को । जबकि वो भारत को देने कुछ नहीं आये थे उलटे भारत से लेने आये थे, जितना वो निवेश करेंगे उसका सारा मुनाफ़ा कहाँ जाएगा? 
चीन में जाएगा!! और बदले में भारत को क्या मिलेगा घटिया किस्म के उत्पाद?

उनकी बहुत जबरदस्त आवभगत की जाती है, अरे भाई किस उपलक्ष में ये मेहमाननवाजी? क्योंकि उनके सैनिक हमारी धरती पर तम्बू गाड़े बैठे है?

अब प्रधानमंत्रीजी कहते है वो हमारे देश में निवेश करेंगे!!!!



गरज है चीन को तो निवेश कर रहा है कोई उपकार नहीं कर रहा भारत पर, हमारे प्रधानमन्त्री को चाहिए था की चलो उन्हें बुला लिया थोड़ी मेहमाननवाजी भी करली पर अब तो उन्हें ये कहते है की यदि आप चाहते है की भारत और चीन के बीच व्यापारिक रिस्ता हो तो सबसे पहले अपने सैनिको को सीमा से वापिस बुलाओ, यदि वो विवादित क्षेत्र भी है तो बात करो जब तक विवाद नहीं सुलझता उस क्षेत्र में कोई नहीं जाएगा और किसी भी समझौते से पहले इस विवाद को निपटाना होगा, मोदीजी आपके पास सुनहरा मौका था, आप चाहते तो भारत के मजबूत होने का सबूत पूरी दुनिया को दे सकते थे और देशवासियों का सर गर्व से ऊंचा कर सकते थे पर आपने ऐसा नही किया । 

उलटे आपने दुनिया को बहुत गलत सन्देश दिया है की थोड़े से रुपयो के लिए हमने सीमा पर घुसपैठ को भी नजरअंदाज कर दिया है, वाह मोदीजी कहाँ तो आप चुनाव से पहले गाते थे " मैं देश नहीं झुकने दूंगा" और कहाँ आपके ये कार्य जो देश को झुकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे । 

एक सशक्त प्रधानमंत्री के रूप में पेश आते, भारत को चीन की गरज नहीं है, चीन को भारत की गरज है आज अरबो खरबो रुपयो का उनका माल भारत में बिकता है यदि चीन ज्यादा हेंकड़ी करे तो चीन के सब माल पर प्रतिबंध लगा सकते थे और इस मामले को आसानी से सुलझा सकते थे पर आप तो इसके उल्ट कर रहे थे । 

इधर आप खातिरदारी में लगे  हुए थे और उधर चीनी सैनिक भारत माँ की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहे थे, हमारे देश के सैनिक  आपको और आपले लाडले चीनी राष्ट्रपति को सुरक्षा दे रहे थे और दूसरी और चीनी सैनिको सामने खड़े हुए थे, क्या आपको तनिक भी ये सोच नहीं आया की कैसे मैं उस इंसान की खातिरदारी कर रहा हूँ जो खुद तो आया ही है साथ में अपने सैनिको को भी लेकर आया है की चलो करलो कब्जा भारत पर, खैर कब्जा तो चीन ने भारत पर कर ही रखा है देश के हर कोने में चीनी सामन मिल जाएगा और आपने इसमें और सहयोग कर दिया चीन को न्योता देकर की आओ  और खूब बेचो अपना सामान हमारे देश में । 

कुछ भी हो आपके समर्थक शायद मुझे गालिया दे पर आज मुझे आप एक बेहद कमजोर प्रधानमन्त्री लगे, जब आप चुनाव प्रचार में हुंकार भरते थे "एक इंच भी नहीं दूंगा" तो लगता था एक मजबूत प्रधानमन्त्री देश को मिलेगा लेकिन आज आपने जो कुछ किया इससे तो आप एक बेहद कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए है माननीय मोदीजी । 

Some Links of Chinese incursion:








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Thursday, September 4, 2014

Teacher's day or Prime minister's day?

Modi order students to listen him on Teacher's day
मोदीजी की शिक्षक दिवस पर क्लास 
ये कैसे देश के सेवक है जिन्होंने मासूम बच्चो को भी अपने निजी स्वार्थ के लिए काम में लेना शुरू कर दिया है । 

शिक्षक दिवस के उपलक्ष में भारत सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिया है की शिक्षक दिवस के दिन भारत के प्रधानमन्त्री देश के बच्चो को सम्बोधित करेंगे और इसके लिए सभी स्कूलों को पर्याप्त सुविधा करेंगे ताकि बच्चे प्रधानमन्त्री का भाषण सुन सके । 

ये कैसी जिद करली प्रधानमन्त्री जी आपने? क्या आपको पता भी है शिक्षक दिवस का मतलब क्या है जो आप अपना भाषण लेकर बीच में घुस गए? शिक्षक दिवस के दिन बच्चे और शिक्षक के बीच मधुर वार्तालाप होता है, बच्चे अपने प्रिय शिक्षक को उपहार देते है आदि आदि । 

लेकिन  HRD मिनिस्टर ने ये क्या आदेश दे दिया, स्कूलों को व्यवस्था करनी पड़ेगी, आप जेनेरेटर लाइए, स्पीकर लाइए, टीवी, कंप्यूटर, आदि आदि और पूरी व्यवस्था करनी पड़ेगी और इसकी सारी जानकारी 2 सितम्बर से पहले सभी प्रधानाध्यापको को  जिला मुख्यालय पर सूचित करना पडेगा की सभी तैयारी करली गयी है, और भाषण के दिन सभी जिला शिक्षा अधिकारी गाड़ी से चक्कर लगाएंगे और देखेंगे ये सुनिश्चित करेंगे की जैसा आदेश दिया गया है वैसा ही हो रहा है या नहीं । 

यदि इसमें लापरवाही हुयी तो इसे गम्भीरता से लिया जाएगा । 

सरकारी स्कूल में इस सबके लिए को खर्चा आएगा वो VKS fund (विद्यालय कल्याण समिति) के फंड से लिया जाएगा और निजी स्कूल ये अपने स्तर पर करेंगे । 

अब सवाल ये है कितना खर्चा आएगा इस सब पर, कितने शिक्षक पढ़ाई छोड़कर इन सब व्यस्था में लगे रहेंगे, रिपोर्टिंग करना की सभी तैयारी हो गयी है और कार्यक्रम होने के बाद फिर रिपोर्टिंग फीडबैक के लिए फिर सभी शिक्षा अधिकारी गाड़ियों से चक्कर लगाएंगे आदि आदि क्या ये सब उचित है इतना खर्चा केवल इस लिए करना क्योंकि आज हमारे प्रधानमंत्री बच्चो को भाषण देना चाहते है । 

क्या इससे ज्यादा अच्छा ये नहीं होता की आप आदेश देते की इतना खर्चा उन स्कूल में शौचालय बनाने में किया जाए, या विधालय के ब्लेकबोर्ड की मरम्मत की जाए, बच्चो के लिए बैठने के लिए दरी या मेज खरीदते आदि आदि, क्या जरूरत आ गयी इतना सब खर्चा करने का आप टीवी पर भाषण देते सभी अपने आप अपने अपने घर पर देख लेते, बच्चे भी देखते अभिभावक भी देखते सारा देश आपका भाषण सुन लेता लेकिन इसमें इतना सब खर्चा करने की जरुरत क्या हो गयी?

क्यों नन्हे मुन्हे बच्चो का उपयोग आप अपने निजी स्वार्थ या राजनीति के लिए कर रहे है?

   

 

 

 

 

 

 



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