Thursday, February 19, 2015

हम है देशी .. हम है देशी हाँ मगर हर देश में छाये है हम

Dr. Kumar Vishwas in live Concert
इस धरा से भी वफादारी का प्रण हमने चुना है।
पूरी दुनिया अपना घर है ये ही बचपन से सुना है॥
हम कि जो सरहद से दुरी पर हैं लेकिन लाम पर हैं।


हम की जो होली दिवाली ईद पर भी काम पर है॥
हमने पतझर भर लिया है खुद ही अपने सावनो में।
तब कही चुन चुन किरण भेजी है घर के आँगनों में॥
रौशनी के इस बड़े मेले में हम खोये नहीं है।
आंसुओ का एक समुन्दर हैं मगर रोए नहीं हैं॥
पापियो का कल मिटाकर खुद ही खुद को आज देगा।
हम इसी आशा में जीते हैं वतन आवाज देगा॥
क्रांति की ज्वाला यहाँ भी खुद में सुलगाएँ हैं हम।
हम हैं देसी हम हैं देसी हम हैं देसी हाँ मगर हर देश में छाए हैं हम॥
नई लाइने


डॉ कुमार विश्वास 

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