Saturday, November 9, 2019

क्या कह रहा है अनुभव सिन्हा से ड्राईवर?

ये पहली बार नहीं हुआ है की ड्राईवर ने मेसेज किया हो अनुभव सिन्हा ने उसे सोशल मिडिया पर शेयर किया हो, इससे पहले भी वो ऐसा करते आये है लेकिन इस बार ड्राईवर कुछ ज्यादा ही मेसेज कर रहा है, पता नहीं वो खुद परेशान है या बार बार मेसेज और कॉल से किसी को परेशान करना चाहता है?




इस बार ये सिलसिला 1 नवम्बर से शुरू हुआ जो अभी तक चल रहा है, मैं इस पोस्ट में ड्राईवर  के वो सारे मेसेज आप सबके साथ शेयर  कर रहा हूँ जो अनुभव सिन्हा जी ने अपने ट्विटर हेंडल पर शेयर किये है



My driver just called to say "सर कार नहीं बन रही"
















इतना ही नहीं, ड्राईवर के इतने मेसेज शेयर करने की वजह से लोगो ने सिन्हा जी से सवाल भी किये जिनका जवाब भी उन्हें दिया





 

Friday, November 1, 2019

दिल्ली की बिगड़ती हवा Vs दिल्ली का साफ़ नीला आसमान

इस पोस्ट में जो मुझे लगता है #DelhiAirQuality के बारे में वो लिखने जा रहा हूँ, पूरा पोस्ट जरूर पढना और फिर आपको लगे मैं गलत हूँ तो अपने कमेंट द्वारा मुझे सही करने की कोशिश करना,धन्यवाद।

शुरुआत करते है दीवाली से पहले के कुछ दिनों से, दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी और बहुत से लोग रोज दिल्ली के आसमान का नजारा दिखाते हुए फोटो पोस्ट करते थे, और सबको उस पर गर्व होता था की वाह दिल्ली ने पोलुशन के खिलाफ ये जंग भी बड़े हद्द तक जीत ली है।

अरविन्द केजरीवाल को पहले से पता था की सामने दिवाली है, और लोग पटाखे तो जलाएंगे ही और उससे प्रदूषण बढेगा, तो दिल्ली सरकार ने उसका भी हल निकाला, और दिल्ली में सामूहिक दीवाली लेजर वाली बनाने का निर्णय लिया।

तब तक दिल्ली का आकाश बिलकुल साफ़ था, दिल्ली सरकार सहित दिल्ली वाले भी खुश थे, लेकिन कुछ लोग थे जिन्हें इसका दर्द था की क्यों ये कामयाब हो गया इसमें, जो दिल्ली सदा प्रदूषण में नम्बर 1 रहती है उसकी हवा इतनी साफ़ क्यों है, लेकिन उन्हें उम्मीद थी की दीवाली पर पटाखों से कुछ होगा



जिसमे भाजपा के बड़े बड़े नेताओं सहित #LashkarENoida भी शामिल था, और उन्होंने बाकायादा लोगो को इसके लिए उकसाया की पटाखे चलाओ, सबसे बड़ी शर्म की बात खुद देश के प्रधानमंत्री ने मन की बात में पटाखे चलाने की बात कही, यदि सच में वो भारत देश के नागरिको का भला चाहते तो अपने उसी व्यक्तव्य में ये भी बोल सकते थे की जहाँ जहाँ प्रदुषण की समस्या है वहां कम चलाये, या सामूहिक रूप से चलाये, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, अर्थात कहीं ना कहीं ये एक वर्ग यही चाहता था की दिल्ली की हवा जहरीली हो लेकिन दिल्ली वाले अपने लाडले मुख्यमंत्री के साथ थे, लेजर लाईट और सामूहिक दीवाली का कार्यक्रम सफल हो रहा था, दिल्ली की हवा साफ़ थी, और पटाखे भी नहीं चल रहे थे, खुद केजरीवाल जी ने इसके लिए दिल्ली को धन्यवाद के लिए ट्वीट किया था और दिल्ली वालो को सेल्यूट किया

एजेंसियां भी बताती है की इस साल दिल्ली में बहुत कम पटाखे चले, यानि कुल मिलाकर दिल्ली ने कमाल कर दिया. पर तभी उसी दिवाली की रात अचानक से पंजाब और हरियाणा में पराली जलना शुरू होती है, विशेष ध्यान दिया जाए, दीवाली की रात जब पटाखों से प्रदुषण नहीं फैला तो उसके बाद आधी रात से पराली जलना शुरू हुआ, दीवाली का त्यौहार जहाँ सब लोग त्योहार की खुशियाँ मनाने में लगे थे वहां ये कौन लोग थे जो पराली जलाने चले गए? और आखिर क्यों वो दीवाली वाली रात ही गए?

एक बार Steve Jobs ने कहा था "Connect the dots" इन सभी संदर्भो को आपस में जोडिये आपको अपने आप समझ आएगा कितना बड़ा षडयंत्र रचा गया केवल इसीलिए की चर्चा इस पर ना हो की इस बार दिल्ली ने सामूहिक दिवाली मनाकर प्रदूषण के खिलाफ जंग जीत ली बल्कि चर्चा दिल्ली की बिगड़ती हवा पर हो, फिर #LashkarENoida तो है ही जो कारणों पर चर्चा नहीं करेगा बस यही दिखाएगा की दिल्ली की हवा में सांस नहीं लिया जा रहा, वो नहीं बताएगा की इसके लिए कौन जिम्मेदार है



अच्छा ये पराली जलाने के लिए दिवाली की रात का इन्तजार क्यों किया गया? दीवाली के पहले क्यों नहीं जलाई? या तो शायद हवा का बहाव दिल्ली की तरफ नहीं था, या फिर पहले जला लेते तो वो खुलेआम पटाखे जलाने की बात किस बेशर्मी से करते (हालाँकि वो बेशर्म है कर सकते थे ऐसा भी)

चलो मान लेता हूँ मैं तो आम आदमी पार्टी का समर्थक हूँ तो अरविन्द केजरीवाल सरकार का गुणगान ही करूँगा, आप बताइए आपको क्या लगता है, मैंने जो लिखा है उसमे कौनसा तथ्य गलत है, या केजरीवाल और क्या कर सकता था इस हवा को सुधारने के लिए?

Friday, October 18, 2019

जरूर सुने बहुत ही शानदार गीत "बता तेरे राज में चौकीदार"

जरूर सुने
बहुत ही शानदार गीत
"बता तेरे राज में चौकीदार"
 
Bata tere raj me Choukidar

Thursday, October 17, 2019

नोएडा फिल्म सिटी के निचे है प्राचीन हनुमान मंदिर


आज गुरुवार को ट्व‍िटर पर #NoidaFilmCityExcavation अचानक ट्रेंड (Twitter Trends) करने लगा। जिसमे बजरंग बलि हनुमान जी से जुडी एक रोचक कहानी बताई गई है
कहानी बताने वाले RoflGandhi_ के अनुसार
रोहतक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बलवान दहिया जी हिंदू अध्यात्म के रिसर्चर हैं। हनुमानजी पर गहरा अध्ययन किया है। उनकी रिसर्च है कि जब हनुमानजी संजीवनी लेकर लौट रहे थे तो उनकी गदा पर लगा एक मनका नीचे गिर गया था। हजारों साल बीत गये। नौवीं सदी में वो मनका एक गरीब कृपाराम को मिला।
देखते-देखते कृपाराम की किस्मत बदल गयी।उसने चावल का काम शुरू किया और वो लखपति हो गया। तब उस रहस्यमयी मनके की महिमा समझ आयी। उसकी पत्नी भामादेवी ने मनके को मंदिर में स्थापना करने की सलाह दी। कृपाराम ने भव्य बजरंगी मंदिर बनवाकर मनका स्थापित कर दिया।


मंदिर के आस-पास शहर बस गया। शहर इतना खुशहाल था कि सोने की ईंटों के फर्श लगे थे। शहर का नाम था नवोदय। फिर 11वीं शताब्दी में नवोदय नगरी के राजा अजेयनाथ और टीपू खान के बीच भयंकर जंग हुई। इससे पहले की टीपू नवोदय नगर को लूट पाता कुलदेवी महामाया ने शहर को पाताल में छुपा दिया।
प्रोफेसर दहिया की रिसर्च और मशहूर पुरातत्व विशेषज्ञ कगिशो आर्चर की रिपोर्ट कहती है कि जहाँ सोने की नवोदय नगरी थी, वहाँ आज नोयडा शहर आबाद है। मनका जड़ित भव्य बजरंगी मंदिर की अग्जेक्ट लोकेशन सेक्टर 16 A फ़िल्म सिटी बतायी गयी है। शायद मंदिर भूतल से लगभग 3000 मीटर नीचे है।
प्रोफेसर दहिया के दादाजी भलेराम दहिया भी एक बार नेहरू जी से मिले थे और बजरंगी मंदिर की खोज के लिये खुदाई की माँग की थी। लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया। आज फ़िल्म सिटी में बहुत सारे न्यूज़ स्टूडियो आबाद हैं और धरातल में कैद है एक चमत्कारी रहस्य जो भारत की किस्मत बदल सकता है।


प्रोफेसर दहिया अब प्रधानमंत्री जी से उम्मीद कर रहे हैं जैसे वो नेहरू जी की अन्य गलतियों को सुधार रहे हैं, वैसे ही नवोदय नगरी के बजरंगी मंदिर की खोज करके एक और इतिहास ठीक कर देंगे। न्यूज़ स्टूडियो तो कहीं भी बस सकते हैं, लेकिन बजरंगी का निवास एक विशेष स्थल ही होता है।
आज नहीं तो कल देश की जनता इसका जवाब जरूर मांगेगी। आस्था के ऊपर कुछ नहीं, न्यूज स्टूडियो तो बिल्कुल नहीं।
वर्तमान में भूख से कुपोषित बच्चों के मामलो में भारत पाकिस्तान और नेपाल से भी नीचे चला गया, यानि पाकिस्तान नेपाल अधिक समर्थ हो गए और भारत पीछड़ गया, RoflGandhi_ का ये भी मानना है की इस भूख का एक ही इलाज है 'मनका'। जब नोयडा में मनका मिलेगा, बच्चे बच्चे को उसके मन का खाना मिलेगा।
एक अन्य यूजर ने बताया : कहा जाता है कि मनका पोटली में रखा हुआ है।ध्यान से देखने पे आपको इस मीडियाप्लेक्स का आकार भी पोटली जैसा दिखेगा।इससे ये बात साफ हो जाता है कि मनका इसी जगह पर है। अब हमें जल्द से जल्द इस पवित्र स्थल को खाली करा एक भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण करना चाहिए।

प्राचीन हनुमान मंदिर
Hanuman mandir
Hanuman ji ka mandir, Noida
Hanuman ji ki gada ka manka, noida






Sunday, October 13, 2019

प्रधानमंत्री द्वारा जनता के पैसो की बर्बादी - Publicity Stunt



प्रधानमंत्री मोदीजी ने आज तमिलनाडु में समुद्र किनारे से कचरा साफ किया इस पर मेरे विचार
ये प्रधानमंत्री मोदी के अनेको पब्लिसिटी स्टंट (खुद के प्रचार) में से एक है इसके अलावा कुछ नहीं है, जनता के पैसो की बर्बादी, केवल खुद को पूरे दिन टीवी पर दिखाने के लिए।

एक प्रधानमंत्री का काम कचरा उठाना नहीं होता है बल्कि ऐसे कानून बनाना होता है जिनसे कचरा फैले ही ना, लेकिन ऐसा करने से उनका वीडियो फोटो टीवी पर नहीं आती।

जनता के पैसे की बर्बादी:  जब प्रधानमंत्री कहीं भी जाते है, ठहरते है तो उस जगह और उसके आस पास के इलाके की पूरी तरह से चेकिंग की जाती है जिसमे पूरा प्रशासन और हजारों कर्मचारी लगे होते है, तभी आपने देखा होगा ना तो उस वीडियो में दूर दूर तक कही कोई व्यक्ति दिखाई दे रहा था और ना ही समुद्र के अन्दर कोई जहाज या व्यक्ति था क्योंकि वो जगह पहले खाली करवाई जाती है फिर उसकी हजारों कर्मचारियों द्वारा पूरी जांच होती है, सिक्युरिटी आदि की। कुछ भी संदिग्ध वस्तु/कचरा दिखाई देता है उसे हटाया जाता है उसके बाद प्रधानमंत्री उस जगह पर जा स

PM Narendra Modi: Plogging at a beach in Mamallapura
अब ये पब्लिसिटी स्टंट करवाना था तो सारी जाँच होने के बाद वहाँ पर ये दो चार पेपर प्लास्टिक आदि (जिनकी पहले से जांच की गई होगी) वहां पर डाले जाते है और फिर प्रधानमंत्री जी कैमरे के साथ वहाँ पर जाते है, उसकी फिल्म बनवाते है, कैमरामेन भी एक्सपर्ट होता है कभी वो उसमे मोदी का हाथ दिखाता है कभी ज़ूम करके कचरे की थैली और फिर अंत में कचरा जिस व्यक्ति को दिया जाता है उसे बोलते हुए वो शब्द, इतना ही नहीं शूटिंग होने के बाद पूरी फिल्म की एडिटिंग होती है कौनसा सीन रखना है कौनसा हटाना है आदि। किसलिए इतनी सब नौटंकी? क्या देश का पैसा अपने इन फिजूल के प्रचार प्रसार में खर्च किया जा रहा है?


तो मेरी नजर में प्रधानमंत्री मोदी यदि आज ये कचरा उठाने का इवेंट ना करते तो देश की जनता की गाढ़ी मेहनत की कमाई के करोडो रूपये और हजारों कर्मचारियों को जो इस इवेंट में शामिल किया गया उससे बचा जा सकता था

Tuesday, October 8, 2019

क्या आपको सर्दी नहीं लग रही?

"क्या आपको सर्दी नहीं लग रही है?"
मेरे इस सवाल का जो जवाब उनसे मिला अचानक मेरी सर्दी गायब हो गई हो और मैं उस शख्श  की और देखता रहा जब तक वो मेरी आँखों से ओझल नहीं हो गया।

पिछले माह परिवार सहित माता वैष्णो देवी के दर्शन को गए थे, कटरा से माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए चढ़ाई शुरू होती है, कोई पैदल ये चढ़ाई पार करता है तो कोई घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर से इसे पार कर माता रानी के भवन पहुँच कर माँ वैष्णो देवी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करता है।

हमारे साथ छोटे बच्चे थे तो हमने घोड़े लेना ठीक समझा और ये चढ़ाई घोड़ो पर बैठकर तय की, माता के भवन पहुँच चुके थे, आरती का समय हो गया था तो 2 घंटे के लिए दर्शन बंद थे, लाइन में लगकर माता रानी को याद करते, धन्यवाद देते समय बीत गया और आख़िरकार माता रानी के दर्शन हो गए, बहुत ही सुखद अनुभव रहा।  रात के 11 बज चुके थे, अब बाहर आकर एक रेस्टोरेंट में खाना खाने लगे इतने में तेज बारिश ने अचानक मौसम बदल दिया, जहाँ  कुछ देर पहले तक गर्मी लग रही थी वो मौसम अचानक से सर्द  हो गया।  वैष्णों  माता के दर्शन के बाद 3.5 KM की ऊंचाई पर स्तिथ भैंरो बाबा के दर्शन करने की मान्यता है तो खाना खाने के बाद हम सब इस चढ़ाई को चढ़ने के लिए निकल पड़े, रास्ते में फिर बारिश शुरू हो गई, कभी रुकते कभी तेज तेज मंजिल की तरफ बढ़ते जा रहे थे, आधे से ज्यादा रास्ता तय हो चूका था, लेकिन इस बार बहुत तेज हवा और बारिश ने सब को कँपकँपा के रख दिया, हर कोई खुद को सर्द हवा से बचाने के लिए कोई छिपने की जगह ढूंढ रहा था या बैग में जो कुछ ओढ़ने की चीज थी उसका सहारा ले रहा था, हमारे पास भी टॉवल और एक एक एक्स्ट्रा टी-शर्ट थी, जिनमे से कुछ से कुछ को ढका तो कुछ बच्चों को ढकने में काम ली, पर सर्दी फिर भी लग रही थी।  मुझे एक दीवार की ओट में बैठने की जगह मिल गई, आरामदायक तो नहीं थी पर सीधी हवा से वो दीवार मुझे बचा रही थी, इतने में मेरी नजर एक परिवार पर पड़ी जो थोड़ी देर पहले ठीक मेरे पास वाली सीट पर खाना खा रहे थे, वो भी सर्दी से काँप रहे थे उनके साथ एक गुड़िया थी वो भी काँप रही उसे मैंने अपने पास बुलाकर अपने सीने से लगाकर हवा से बचाने का प्रयास किया। थोड़ी देर में बारिश कम हुई तो थोड़ी हलचल हुई लोग आगे बढ़ने लगे भैरों बाबा के दर्शन के लिए,  हम भी चल पड़े।


एक घुमाव पर मैं कुछ लोगो से आगे निकल रहा था की अचानक मेरी नजर उस नौजवान पर पड़ी जिसकी वजह से ये पोस्ट लिख रहा हूँ।
जहाँ सभी लोग सर्दी से काँप रहे थे वही वो व्यक्ति एक सेंडो बनियान में चल रहा था, मेरे मुहं से अचानक निकल गया
"सभी सर्दी से काँप रहे है और आप बनियान में है, आपको सर्दी नहीं लगती?"
उसका जवाब सुनकर मेरी सर्दी अचानक गायब हो गयी और मेरी आँखों में आंसू थे।
उस युवक ने कहा, "सर्दी तो लगती है सर, लेकिन मेरा बेटा सर्दी से काँप रहा था तो मैंने अपना शर्ट निकालकर उसे उढ़ा (ओढ़ा) दिया।"
कुछ देर तक मैं वही खड़ा खड़ा उसे देखता रहा और सोचता रहा एक पिता अपने संतान के लिए कितना त्याग करता है, कितना सहन करता है।

पिता के त्याग की बहुत कम कहानियाँ देखने को मिलती है, लेकिन इस पिता के त्याग को आप सब तक पहुंचाने का प्रयास किया है यदि अच्छी लगी हो तो जरूर अपने कमेंट से मुझे बताये।
पढ़ने के लिए धन्यवाद
राम किरोड़ीवाल

Monday, August 12, 2019

Kashmir reality by Vijaita Singh Journalist, The Hindu

Here is what Vijaita Singh tweeted in a thread. I have just copy paste all tweet of this thread. Just to keep this in history.

Thread Link: https://twitter.com/vijaita/status/1160041091258732545

I will be tweeting and reporting what I saw and heard in Srinagar and not what I wanted to see and hear. #Article370
Some voices: "They have taken away our crown. We don't want repeat of 90s but the situation is such that guns will be picked on ration cards"

"They cannot protect women in rest of the country and they want to protect us?"

"They talk about poverty? Every one here owns a house.".

"I am not sure about the benefits or lack of this move, but the way it was done is simply wrong. You put leaders in jail, snap communication, do not consult anyone and say this is for our good?"

Except one person, I didn't meet anyone who supported the government's decision to annul Article 370. This person said:
"we have seen so much bloodshed, I don't want a repeat. But how do you explain this to the younger generation?"

These observations are based on interactions in Srinagar city, we don't know how what is happening in other parts of the Valley.The downtown area in Srinagar is fortified.I couldn't reach our correspondent @peerashiq who lives there,only met him yday, that too by chance

Only music channels on local cable network allowed to air, the news channels are blocked. Delhi based news channels are airing and they are the only modes of information. People said none of them gave a correct picture.Local journos were asked to delete footage by security forces

I asked a young man, what he made of NSA Ajit Doval's outreach, he asked, "Who is he? I saw someone meeting the locals on TV news"

Diesel is easily available, so big taxis are operating. Since most private small cars run on petrol, it's sold only for a couple of hours, after midnight. Public transport is skeletal, people come on the roads and if lucky are able to hitch rides with fellow commuters.

Sample pass for residents to move around in Srinagar city. Not everyone can get this "curfew" pass though. 1st pic- sample 144 CrPc restriction pass. 2nd pic- a notice outside DM office that no "curfew pass" issued 👇

In case you don't know how a concertina wire looks. Srinagar is a maze of these wires.

At one of the helplines in Srinagar, I met Harvinder Kaur. " If you are going to Delhi please tell my son I am fine and ask him to recharge the TV. I do not have any other issue,” she told this reporter.

The son was in Jammu when I called him this morning. There was no Internet connectivity there. He said he would recharge TV once he reached Pathankot, where he works. He sent this message. Now Ms Kaur can watch TV

Shashi Kapoor's song plays on a local music channel in Srinagar, a scroll runs on the screen announcing the cancellation of marriage ceremonies. With no Internet and no connectivity, this is how relatives were informed to not to come for the party. Video by


Prof C.L Vishen, a Kashmiri Pandit living in Srinagar had had a death in family, wanted to call to know when the rituals were planned and had to book airline tickets. Our video story on people queuing at DC office to make calls. Video was shot yday 
https://www.thehindu.com/news/national/other-states/kashmir-srinagar-residents-are-not-a-phone-call-away/article28974576.ece

Somewhere in Anantnag, Mr. Doval teases the little boy: schools are closed....are you happy? An elderly person interjects: arre khush kaun hai yahan? (Who is happy here)

A person in the background, inko pehchaante ho aap? (Do you recognise him?) Seller: Jee Nahin. Person in the background: he is NSA Ajit Doval

Administration giving wi fi access to some chosen few journos from Delhi. This is how they are able to tweet and report. It was so sad to see local journos at the Kashmir Press Club typing stories, but nowhere to publish or air.

Chief Secretary and DGP Dilbagh Singh clarified that people should not believe any mischevious and motivated news regarding firing incidents in the valley. The police have not fired a single bullet so far in 6 days: J&K police  

Again, I did not meet anyone who said they looked up to Pakistan or wanted it's help. Stop living in a cuckoo land. And you are right, the imaginary conversations you are having is motivated. 

With communication lines down and the Internet blocked,any kind of news,information or rumour was being passed around by word of mouth.For the past week,the Valley was abuzz with murmurs that arms had been taken away frm J&K police.The Hindu toured the city on Aug8,9,we found 

most policemen were seen wielding polycarbonate lathis and were deployed along with the armed CRPF men and were guarding lanes ringed with coils of concertina fencing.However, the policemen guarding govt buildings and those providing security cover to officials had weapons

“We are under the blanket, have had no communication with our family,” shouted a J&K policeman from a tin-roofed bunker outside a government building, his finger firmly on a gun’s trigger. He was asked if he had been able to speak to his family.
 https://www.thehindu.com/news/national/curbs-eased-in-srinagar-people-throng-streets-to-buy-essentials/article28979258.ece

The tin shed that's his work space.
“Do you know how a mule works,it has to go up and come down the same path with same baggage on its back;this is the condition of the police,”said an elderly policeman, holding an AK-47.“My duty starts at 1 p.m.,but due to travel restrictions I start my day at 5 a.m,can't be late"

Another cop said after Burhan Wani was killed in 2016, he couldn’t go home for six months. “The uniforms were soiled due to continuous wear but we were not allowed to leave our posts....We do not know how long the restrictions would continue this time, we are in for a long haul."

Another policeman suggested it was good that the State had been downgraded to a Union Territory. “We will get better pay and benefits like the central forces,” he hopefully added.

Dharmendra, an Assistant Commandant with the CRPF, said he had been posted in Srinagar for two years. “We work with J&K Police shoulder to shoulder. The reports of CRPF taking over their responsibilities is not correct,” Mr. Dharmendra asserted.

In the absence of any communication, the Srinagar hospital has not been able to identify the unconscious “Number 12” and so her family is in all likelihood unaware about her condition, the hospital staff said.  This gut wrenching story by
People are angry mainly on two counts. One,they feel their decades-long privileges were undemocratically and unceremoniously curtailed.Two, they are distraught by a total communication blackout for most part of the past week..via
   
 
    
  

Aaj Tak Editor Nishant Chaturvedi questioned Judiciary

Modi says hang me if I m proved guilty in Gujarat Riots! But can our Judiciary prove it? Politicians manupulate everything !

ट्वीट लिंक:  https://twitter.com/nishantchat/status/228382644604379136


आज तक के एडिटर निशांत चतुर्वेदी ने ट्वीट कर न्यायपालिका पर सवाल खड़ा कर दिया है, निशांत ने ये ट्वीट प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के उस कथन को लेकर किया था जिसमे मोदी ने कहा था की यदि गुजरात दंगो में मैं दोषी साबित होता हूँ तो मुझे फांसी पर लटका देना!



निशांत चतुर्वेदी ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया की "क्या हमारी न्यायपालिका ये साबित कर सकती है? नेता हर चीज में हेरफेर (मैनिपुलेट) कर देता है!

हो सकता है कल को निशांत चतुर्वेदी ये ट्वीट डीलीट कर दे तो ऊपर ट्वीट का लिंक है और यहाँ ट्वीट का स्क्रीनशॉट और वीडियो है।

 
Modi says hang me if I m proved guilty in Gujarat Riots







One more tweet from Nishant 
Tweet Link:   https://twitter.com/nishantchat/status/115002281010794496

Screenshot:
 

Saturday, August 10, 2019

ख़बरें या तो बाहर आती ही नहीं, आती है तो डीलीट कर दी जाती है

ऐसा एक बार नहीं, बहुत बार हुआ है

या तो खबरे बाहर आती ही नहीं है और अगर गलती से (शायद समय पर सेटिंग नहीं होने से) बाहर आ भी जाती है तो थोड़ी देर में डीलीट कर दी जाती है, आखिर ऐसा क्यों होता है?

Haryana CM Manohar Lal Khattar
किसी खबर के डीलीट होने के क्या मायने है? अगर डीलीट ही करनी थी तो पहले वो खबर बनाई ही क्यों? और अगर सच में वो खबर है तो फिर उसे डीलीट क्यों कर दिया गया? किसी को मजा तो नहीं आता होगा ऐसा करने में की पहले कुछ लिखे फिर डीलीट करे?

जहाँ तक मेरी समझ कहती है तीन ही कारण हो सकते है
या तो खबर गलत है
या फिर जो उस खबर में शामिल है उन लोगो का समाचार एजेंसी पर दबाव, डर , धमकी उस खबर को हटाने के लिए
या फिर खबर में शामिल लोगो द्वारा खबर डीलीट करने का सौदा तय होना

अब अगर खबर गलत होने की वजह से डीलीट की गई है तो, समाचार एजेंसी द्वारा ये जानकारी माफ़ी के साथ पोस्ट की जाती है की हमने गलत खबर प्रकाशित कर दी अब उसे हटा लिया गया है
बाकि दोनों कारणों में आप सब जानते ही है की  कोई कुछ नहीं बोलेगा, केवल खबर चुपचाप डीलीट कर दी जाएगी, और पूछने पर भी मौन धारण कर लिया जाएगा।

आज मैं जिस खबर की बात कर रहा हूँ वो समाचार एजेंसी ANI  ने प्रकाशित की थी जिसका लिंक और स्क्रीनशॉट निचे दे रहा हूँ, जिसे कुछ घंटों के बाद डिलीट कर दिया गया बिना कोई कारण बताये या माफीनामे के।

कश्मीर में धारा 370 हटाने के साथ है एक बहुत ही भद्दा मजाक शोशल मिडिया पर चला जो बाद में कुछ भाजपा नेताओं के मुहं से भी सुना गया
"अब हम कश्मीर की लड़कियों के साथ शादी करेंगे" इसे ही अलग अलग लोग अलग अलग तरीके से लिखकर खूब शेयर कर रहे थे


इसके बाद एक दूसरा मेसेज भी इसके काउंटर में सोशल मिडिया में चला
"राजा महाराजाओं के टाइम में जब कोई राजा किसी इलाके को युद्ध में जीतता था तो अपनी सेना को खुली छूट दे देता था..इलाके की जनता को लूटने का..उस इलाके की महिलाओं के साथ मनमर्जी करने का..बहुओं बेटियों की इज़्ज़त लूटने का!
बीजेपी के विचार कुछ अलग नहीं !
शर्मनाक!"

हरियाणा की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इसी सन्दर्भ में बयान दिया जिसकी खबर ANI  ने पब्लिश की थी

"Now we can bring Kashmiri girls: BJP Haryana CM Manohar Khattar"

https://www.aninews.in/news/national/politics/now-we-can-bring-kashmiri-girls-manohar-khattar20190809195842

जिसे बाद में डीलीट कर दिया गया
इस खबर का गूगल सर्च में जो प्रीव्यू आ रहा है उसका भी स्क्रीनशॉट निचे है जिसे आप देख सकते है

"Now we can bring Kashmiri girls: BJP Haryana CM Manohar Khattar"

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Friday, February 8, 2019

Modi is destroying institutions

आज दिनांक 7 फरवरी 2019 को PMO का ये ट्वीट देखकर एक बार तो आप यकीन नहीं करेंगे की PMO ये लिखने की हिम्मत जुटा पायेगा की मोदी संस्थाओं को खत्म कर रहे है। 

मुझे भी यकीन नहीं हुआ फिर पीएमओ के ट्वीटर हैंडल पर जाकर चेक किया वहां ये ट्वीट था ट्वीट का लिंक और स्क्रीनशॉट दोनों निचे दिए गए है

ORIGINAL Tweet here


Congress misuses Article 356 several times…but Modi is destroying institutions: PM @narendramodi