Saturday, February 22, 2014

Is India governed by Ambani and reliance-देश में क्या वाकई अम्बानी का राज है?

क्या भारत सरकार केवल कुछ पूंजीपति ही चलाएंगे?

पिछले कुछ दिनों से जब से "आम आदमी पार्टी" ने रिलायंस और अम्बानी पर सवाल खड़े किये है और दोनों बड़ी पार्टियों पर इस पर उनकी राय जाननी चाही, लेकिन किसी भी पार्टी और भारत सरकार से कोई जवाब नहीं आ रहा इससे मेरे मन में जो डर और शंका थी और ज्यादा हो गयी |

सोचता हूँ शायद यही वो वक्त है जब हम इस देश को बचा सकते है, गेस के दामो को जो सौदा रिलायंस ग्रुप और भारत सरकार के बीच हुआ हम सब उससे वाकिफ है, कि सौदा एक डालर में हुआ था और आज वो आठ डालर करने पर आ गए और मजे की बात है कि भारत सरकार इस पर सहमत है, जब "आम आदमी पार्टी" ने हिम्मत की इन बड़ी शक्तियों के सवाल पूछने की तो किसी का कोई जवाब नहीं आ रहा, अर्थात वो सहमत है इससे, वो चाहते है कि गेस के दाम बढे, और परिणाम क्या होगा? देश के दाम बढ़ना अर्थात हर चीज के दाम बढ़ना, किराया, भाड़ा, अनाज, सब्जी, रोजमर्रा कि वस्तुए सभी के दामो में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होना, और इन सबका परिणाम क्या होगा? देश का गरीब भुखमरी से मर जाएगा और मध्यम वर्गीय परिवार जब महीना का खर्चा नहीं चला पायेगा तो आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा, बचेगा कौन इस देश में? केवल अमीर ? और फिर कहेंगे भारत में एक भी गरीब नहीं है? क्या यही सब कुछ करना चाहते भारत देश कि दो बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस?

इस गेस सौदे का सबसे बड़ा सवाल तो यही से पैदा होता है ये सौदा डालर में क्यों हुआ? क्या हम किसी विदेशी से सौदा कर रहे है? ये तो वाही बात हुयी कल आप सब्जी खरीदने जाए और सब्जी वाला कहे पेमेंट डालर में करो? क्यों भाई?? मैं मानता हूँ यदि आप विदेश से कोई सौदा कर रहे है तो वो डालर में किया जा सकता है, खैर होना तो वो भी नहीं चाहिए लेकिन चलो उसको छोड़ भी दे, तो मेरे ही देश में मेरी ही चीज खरीदने में डालर में सौदा क्यों?

और फिर रूपये में हर रोज बेतहाशा गिरावट, सरकार रूपये को स्थिर करने में विफल, हा हा हा विफल नहीं हुयी है वो पूर्ण रूप से सफल हुयी है अपने उद्देश्य में, सौदा डालर में और भुगतान करना है यदि रुपया मजबूत होगा तो थोड़े रूपये के भुगतान से ही अगले का हिसाब किताब हो जाएगा पर रूपये को कमजोर करने से बहुत सारे रूपये देंगे तब जाकर उनका उसी डालर का भुगतान होगा, और सारा दोष किसका? रूपये की कीमते गिरने का? बहुत तगड़ी चाल है इन सियासत दानो की, एक आम आदमी जितना समझेगा उतना उलझता जाएगा, क्यों विपक्ष इन पर चुप रहा की सौदा रूपये में ही होना चाहिए, अब तो खैर वो गेस की कीमत ही बढ़ा रहे है, पर वो गेस की कीमत ना भी बढाए तो भी रूपये में जो गिरावट हुयी है उससे ३० प्रतिशत का फ़ायदा तो उन्हें बिना किसी रेट बढाए ही हो रहा है, फिर दाम बढ़ाने पर तो सीधा मुनाफ़ा ४००-५०० प्रतिशत पहुंचता है और बीजेपी-कांग्रेस इस पर बिलकुल मौन धारण किये हुए है|

कल टीवी डिबेट में देख रहा था, एंकर और अन्य समाज सेवी जो मौजूद थे डिबेट में ने बीजेपी-कांगेस से दस बार सवाल किया, जो गेस की कीमत बधाई जा रही है उस पर आपका क्या विचार है? और मजाल है जो बीजेपी या कांग्रेस में से कोई भी कुछ बोले इस मुद्दे पर? जैसे किसी ने उनके किसी निजी जिंदगी से जुड़ा कोई ऐसा सवाल पूछ लिया हो जिसको वो जनता के सामने कभी जवाब नहीं दे सकते! अरे भाई सौदा कांग्रेस की सरकार है , बीजेपी के पास तो आम आदमी पार्टी द्वारा तैयार किया प्लेटफार्म मिल रहा है क्यों नहीं इस मुद्दे को आगे बढ़ाती, क्यों नहीं जनता के हित कि बात करती अर्थात दोनों पार्टियां मिली हुयी है, भाजपा-कांग्रेस दोनों आपस में मिली हुयी है और दोनों ने मिल बाँट कर इस सौदे में पैसे खाये है? 

सब केवल शक है मेरा, पर मेरे शक को विशवास में बदलने का काम बीजेपी और कांग्रेस ही कर रही है, मैं ये शक नहीं करना चाहता, मैं चाहता हूँ मेरा शक गलत निकले पर इन दोनों पार्टियों के रवैये से मेरा शक धीरे धीरे विशवास में परिवर्तन हो रहा है|


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Saturday, February 15, 2014

AAP in International Media-अंतर्राष्ट्रीय समाचारो में आम आदमी पार्टी

इटली के सबसे विश्वसनीय समाचार एजेंसी (ANSA) ने क्या कहा सरकार के इस्तीफे पर 

 

भारत: भ्रष्टाचार के विरोधी नेता ने इस्तीफा दिया

 

"भारतीय ग्रिलो" ने 48 दिन सरकार चलाकर दिल्ली सरकार से इस्तीफा दिया



ANSA - नयी दिल्ली 14 फरवरी- केवल 48 दिन बाद भारत की राजधानी दिल्ली की सरकार चलाने वाले आम आदमी पार्टी के लीडर, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्टिविस्ट अरविन्द केजरीवाल "भारतीय बेप्पे ग्रिलो" ने अपना इस्तीफा दिया. जब भ्रष्टाचार के खिलाफ उसके द्वारा प्रस्तावित उपाय(बिल) को राज्य की विधानसभा ने प्रस्तुत नहीं होने दिया तो उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया. अब पार्टी राष्ट्रिय चुनाव पर अपना ध्यान देगी, जिसमे वो राष्ट्रवादी बीजेपी  और सोनिया गांधी की कांग्रेस पार्टी के मंसूबो को जटिल कर सकती है (मंसूबो पर पानी फेर सकती है "ये भावार्थ है, अनुवाद जो पहले लिखा वो है")


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Saturday, February 8, 2014

आम आदमी पार्टी का लोकपाल बिल असंवैधानिक है !!! Jan Lokpal Bill by Delhi Government unconstitutional

कल से सभी टीवी चेनल पर बीजेपी कांग्रेस बड़ी जोर शोर ये प्रचार प्रसार करने में लगी है कि "आम आदमी पार्टी" द्वारा दिल्ली में जिस लोकपाल बिल कि बात हो रही है वो पास हो ही नहीं सकता क्योंकि वो असंवैधानिक है, अर्थात हमारे संविधान के खिलाफ है, उनकी पूरी कोशिश यही है कि कैसे भी करके देश में ये हवा बना दो कि अरविन्द सत्ता में आने के बाद इस देश के संविधान की भी कदर नहीं करता और अब संविधान से भी ऊपर होकर गलत तरीके से कोई बिल लाने की कोशिश कर रहा है!

मैंने भी एक दो बहस इन विद्वानो की सुनी और जो कुछ समझ में आया वो आप सबके साथ सांझा करना चाहता हूँ

पहली बात तो ये क्या अरविन्द और उनके मंत्री मंडल सदस्यों में किसी के पास ये दिमाग नहीं है कि गलत काम नहीं कर सकते? क्या सभी कानून के जानकार, संविधान के जानकार जिनसे "आप" ने विचार विमर्श किया किसी को पता नहीं की संविधान के खिलाफ काम हो रहा है?

और चलो किसी को भी पता नहीं होगा, केवल बीजेपी-कांग्रेस को ही पता है कि ये सब संविधान के खिलाफ है, तो भाई मेरे ये समझ में नहीं आ रहा कि इससे बीजेपी-कांग्रेस इतनी बौखलाई हुयी क्यों है, यदि हकीकत में ये सब संविधान के खिलाफ है तो बीजेपी.कांग्रेस को चाहिए की वो चुपचाप अभी तमाशा देखे और जैसे ही अरविन्द ये बिल पास कराये तुरन्त उस पर मुकदमा चला कर उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए क्योंकि उसने हमारे अखण्ड, विशाल भारत देश के संविधान के खिलाफ कोई काम किया है!

ऐसा क्यों नहीं कर रही ये पार्टियां? बात बिलकुल साफ़ है की ये कानून पास हो ना हो, बने ना बने पर ये तो स्पष्ट है कि असंवैधानिक नहीं है वरना यही बिल बीजेपी.कांग्रेस का हथियार बन जाता अरविन्द और उनके कैबिनेट के सदस्यो को जेल भेजने का !

तो फिर ये घबराहट क्यों? बात साफ़ है कि इस कानून का विरोध करेंगे तो जनता के सामने उनकी पोल खुल जायेगी कि बीजेपी-कांग्रेस ये कानून पास नहीं कराना चाहती क्योंकि दोनों ही पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त है और यदि कानून पास हो गया तो सबसे पहले वो ही जेल में जायेंगे तो कानून का विरोध गलत तरीके से क्यों ना किया जाए, कहने को सबको कहेंगे हाँ हम चाहते है कि ऐसा कानून बने को भ्रष्टाचारियों को कड़ी से कड़ी सजा दे पर करेंगे ऐसा की इस तरह का कोई कानून पास ही ना सके, तो सबसे अच्छा फार्मूला है ना उनके हाथो में जो अब तक काम में लेते आये है भ्रान्ति फैलाना, जनता में भ्रान्ति फैलाओ कि अरविन्द जो कुछ कर रहा है वो असंवैधानिक है वो भारत के संविधान का अपमान है!

चलो मैं तो ये भी मान लेता हूँ कि ये अरविन्द दिल्ली में लोकपाल नहीं ला सकता क्योंकि ये अंसवैधानिक है और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही बहुत अच्छी पार्टी है और देश की जनता को अच्छा लोकपाल देना चाहती है, तो फिर करके क्यों नहीं दिखाते?

राजस्थान में बीजेपी की सरकार है सम्पूर्ण बहुमत है, खूब बीजेपी के भी 8-10 विधायक खिलाफ हो जाए तो भी उनके पास बहुमत है तो फिर क्यों ना राजस्थान में एक सशक्त लोकपाल लाये जिसके दायरे मुख्यमंत्री से लेकर चपरासी तक सभी आये और देश कि जनता को दिखाए कि वो वास्तव में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते है लेकिन दिल्ली में "आप" के लोकपाल का साथ नहीं दे सकते क्योंकि ये संवैधानिक नहीं है!

या फिर कही ऐसा तो नहीं है कि भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाना ही बीजेपी-कांग्रेस के अनुसार संवैधानिक नहीं है? 

हा हा हा, क्या करूँ हँसू या रोऊँ उनकी इस चाल पर कि कैसे वो भारत की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है !

दोस्तों जरुरत है की हम इन बहकावों में ना आये, कुछ चिंतन खुद भी करे!

आज कोई खड़ा हुआ इस देश हम जैसे करोडो आम आदमियों की आवाज को बुलंद करने के लिए, आपको आपका सम्मान दिलाने के लिए, इस देश से उस विप तंत्र को खत्म करने के लिए जिनके आप और हम हर कही शिकार हो रहे है!


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Jan Lokpal Bill by Delhi Government unconstitutional: Solicitor General Mohan Parasaran tells Najeeb Jung

Saturday, February 1, 2014

Rahul Gandhi raise the voice of People or हम किसी घराने के गुलाम बन गए है?

Cylnders Rahul gandhi
कुछ दिनों पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओ की राष्ट्रीय बैठक में राहुल गांधी ने भरी सभा में भारत के प्रधानमन्त्री जो की कांग्रेस के ही है के सामने बड़े जोर से बोलते हुए कहा कांग्रेस को 9 नहीं 12 सिलेंडर चाहिए, 9 में काम नहीं चलता है !

केवल एक बार ये कहा, और ये लो कांग्रेस सरकार ने आज इसे मंजूरी दे दी तुरंत प्रभाव से 9 की जगह 12 सिलेंडर दिए जाये, अब सभी कांग्रेस के लोग इसका गुणगान कर रहे है की राहुल जी ने ये मुद्दा उठाया भारत की जनता के हक़ में और भारत की महिलाओ को 9 की जगह 12 सिलेंडर दिलाये !

वाह क्या जोरदार तमाशा बनाया है, सरकार किसकी है भाई? क्या भारत में अब भी किसी को नहीं पता की भारत सरकार में वही होता है जो सोनिया गांधी चाहती है, तो फिर जरुरत ही क्यों आयी की पहले लो भरी जनता में आप ये कहे और फिर उसके कुछ दिन बाद इस नाटक को असली जामा पहनाने की नकली कोशिश करे, आपको ही तो करना था तो फिर मांग किससे की? खुद मांग करते है वो भी खुद से ही?

फिर सवाल एक और खड़ा होता है क्या भारत की जनता की आवाज केवल तभी सुनी जायेगी जब राहुल गांधी वो मुद्दा उठाएंगे वरना किसी की नहीं सुनी जायेगी? सारा देश लोकपाल के लिए सड़क पर उतरा था लेकिन वो नहीं सूना गया और केवल एक राहुलजी ने कह दिया की 9 नहीं 12 सिलेंडर चाहिए तुरंत घोषणा भी हो गयी!

पूरी कांग्रेस ने मिलकर भ्रष्टाचारी नेताओ वाला अध्यादेश पारित किया था, और फिर राहुलजी ने उसे फाड़ दिया तो वो अध्यादेश वापस ले लिया गया, वाह यानि इस देश में केवल राहुलजी कहेंगे वो ही होगा?

अभी थोड़े दिन पहले संजय निरुपमजी ने मुम्बई में बिजली की दरो को कम कराने के लिए अनशन किया था, बेचारे वो तो भूखे भी रहे, उनके साथ पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी थे, अनशन से पहले उन्होंने सरकार से आग्रह भी किया था की बिजली की रेट कम की जाए, आम आदमी के लिए ये रेट बहुत ज्यादा है लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और संजय निरुपंजी को अपना अनशन केवल एक भरोसे के सहारे तोड़ना पड़ा, वो बिजली दरे कम नहीं हुयी क्योंकि ये मुद्दा राहुलजी ने नहीं उठाया? क्या हम यहाँ तक आ पहुंचे की इस देश में अब किसी की नहीं चलेगी केवल और केवल राहुल गांधी की चलेगी?

क्यों किसी और की बात को कभी महत्व नहीं दिया जाता, चाहे वो आम जनता हो या फिर स्वयं कांग्रेस पार्टी के ही बड़े बड़े नेता?

हमे एक बार सोचने की फिर से जरुरत है, कही हम फिर से गुलाम तो नहीं हो गए है किसी एक घराने के? जिसमे हमे अपनी हर बात मनवाने के लिए घराने के किसी आदमी द्वारा ही कहलाना पडेगा?

खैर अपनी अपनी सोच है, अपना अपना नजरिया है मुझे इस सारे प्रकरण में दिखायी दिया वो आप सभी के साथ सांझा कर दिया

देश को किसी घराने का गुलाम बनाने के जिम्मेदार कौन है??

हम अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते, हमे ये स्वीकार करना होगा की इसके जिम्मेदार कोई और नहीं केवल और केवल हम है तो क्यों ना अपनी जिम्मेदारी निभाये और देश को इस गुलामी से आजाद कराये!

वंदे मातरम
भारत माता की जय