Saturday, April 29, 2017

इसी मिडिया ने तुम्हे खड़ा किया और आज इसके खिलाफ बोल रहे

जब भी आम आदमी पार्टी से कोई मिडिया को कुछ बोलता है तो तुरंत भक्तो की गैंग आ जाती है इसी मिडिया ने तुम्हे खड़ा किया और आज इसके खिलाफ बोल रहे है|

मैं मेरा निजी विश्लेष्ण बताता हूँ, "आम आदमी पार्टी" को मिडिया ने खडा नहीं किया ऐसा मेरा मानना है, उलटे मिडिया ने तो मानो पहले ही दिन से "आप" को खत्म करने की सुपारी ले ली थी, मिडिया ने केवल "आन्दोलन" को पूरी तरह कवर किया था जिस समय आम आदमी पार्टी थी भी नहीं, और उस समय कवर किया गया था केवल और केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रति लोगो में गुस्सा पैदा करने के लिए और वो हुआ भी, उसके बाद जैसे ही पार्टी बनाने की घोषणा हुई तब से मिडिया ने "आप" को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अन्ना को धोखा दिया, अन्ना साथ नहीं है, अरविन्द को लालच आ गया, सत्ता का लालच आदि आदि|

मुझे तो किसी भी चेनल का कोई भी लाइव नहीं याद आता जिसमे पार्टी बनने के बाद किसी ने अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वाश या पार्टी की तारीफ़ में कसीदे पढ़े हो उलटे किसी ना किसी तरह ये कोशिश की गयी की इनको खत्म कर दिया जाए, रोज रोज टीवी डिबेट में कितने ही लोगो को टोपी पहनाकर बिठा दिया जाता था अन्ना सपोर्टर बनाकर और "आप" के प्रवक्ताओ को कटघरे में खड़ा कर दिया जाता था| फिर आरोपों की बौछार, आंदोलन को धोखा क्यों दिया, क्या आपकी पहले से यही नियत थी, आंदोलन किसी ने किया मलाई कोई खा गया और ना जाने कितने ही अनगिनत सवाल| क्योंकि आम आदमी पार्टी उस आंदोलन की उपज थी तो उस समय तमाम कोशिशे की गई थी की आंदोलन से सहानुभूति रखने वाले लोग आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल से नफरत करने लगे लेकिन उनके इस बुरा चाहने से थोड़ा बहुत नुक्सान हुआ पर "आप" खत्म नहीं हुई खड़ी हो गई|

किरण बेदी और जनरल वी के सिंह भी इसी आंदोलन से निकले थे  उनसे कभी सवाल नहीं किये गए, उन्हें किसी मिडिया हॉउस ने अपने डिबेट में कटघरे में खड़ा नहीं किया की आज उनके मन में लालच आ गया, कुर्सी के लिए मंत्री पद के लिए आंदोलन में आये थे, अन्ना को अकेला छोड़कर बीजेपी के दामन में चले गए| सवाल हुए केवल आम आदमी पार्टी में जो लोग आंदोलन से आ गए उनसे, यदि ये सब भी बीजेपी में चले जाते तो कोई सवाल नहीं होते इनसे|

ये सब मेरी निजी राय/आकलन है.... मुझे कभी भी नहीं लगता की मिडिया ने "आप" का साथ दिया है हाँ उन्होंने खत्म करने की जितनी कोशिश की उससे हमे ये फायदा हुआ की हम उस अवसर का फायदा उठाकर अपनी बात, अपने विचार लोगो तक पहुंचा पाए, उन्होंने खत्म करने की कोशिश की हम आबाद हो गये|

मिडिया आन्दोलन के समय भी बीजेपी के लिए काम कर रहा था और आज भी बीजेपी के लिए काम कर रहा है, वरना जिस आन्दोलन को मिडिया ने इतना उठाया 24 घंटे लाइव किया, आज उसी लोकपाल के लिए मिडिया में 1-2 रविश जैसो को छोड़कर किसी में हिम्मत तक नहीं है ये बताने की कि मोदी सरकार ने लोकपाल का विरोध किया है, SC ने जब लोकपाल की नियुक्ति का आदेश दिया तो SC को ही उलटे जवाब दिया की SC हमारे काम में दखल ना दे यदि सच में मिडिया ने उस समय आन्दोलन का साथ दिया,तो आज मिडिया के पास क्यों समय नहीं इस सरकार से सवाल करने का की लोकपाल की नियुक्ति क्यों नही हो रही? जिस लोकपाल कानून के लिए पूरा देश सड़क पर आ गया था और जिसकी बदौलत भाजपा आज पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ सत्ता में है आज 3 साल होने को आये लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही|

अभी हाल में रविश कुमार ने बहुत शानदार प्रोग्राम किया लोकपाल को लेकर इससे पहले भी १-२ बार रविश ने ये बात उठाई है मानो विपक्ष और जनता की आवाज अब केवल रविश ही हो|

तो जिन्हें भी लगता है "आप" को मिडिया ने खड़ा किया है वो गलतफहमी में है, मिडिया ने कांग्रेस के प्रति गुस्सा पैदा कर मोदी सरकार बनाई है,मिडिया तो पहले दिन से ही "आप" को कटघरे में खड़े किये रखता है और आज भी यही कर रहा है|
 

Friday, April 28, 2017

सैनिकों की शहादत और बहादुरी कितना कुछ बदल गया?

सच में बहुत कुछ बदल गया है पहले जब हमारे सैनिक बहादुरी से दुश्मनों को जवाब देते थे तब गुणगान उन सैनिकों की बहादुरी का ही होता था, हालांकि सरकार सदा इसका श्रेय लेना चाहती थी और चाहती रहेगी लेकिन फिर भी पहले सैनिकों को आगे रखा जाता था और अब सैनिकों की बहादुरी पर सबसे पहला श्रेय सरकार लेना चाहती है जैसा सर्जिकल स्ट्राइक के बाद में पूरे देश भर में लगे होर्डिंग और अखबारों में छपे विज्ञापन में सैनिकों का नाम बारीक अक्षरों में और मोदी सरकार भाजपा के नाम मोटे मोटे अक्षरों में और बड़ी-बड़ी तस्वीरों में थे, जिनमें यह दिखाया गया हो मानो सीमा पर सैनिकों ने तो कुछ किया ही नहीं मोदी ही बंदूक लेकर सीमा पर दुश्मनों से लड़ कर आया हो| 
 
चलो ठीक है सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया और हम मानते हैं कि सरकार को इसका श्रेय लेना चाहिए और लिया भी, लेकिन अभी कुछ दिन पहले जब नक्सलियों ने हमारे सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया और 26 जवान शहीद हुए तब यह सरकार मुंह छुपाती फिर रही थी और अपने एजेंट मीडिया के द्वारा इस तरीके से माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी कि कोई सरकार से सवाल करे ही नहीं की 
  • यह घटना क्यों हुई? 
  • क्यों सरकार और सरकारी एजेंसियां हमारे सैनिकों को बचा नहीं पाई?  
  • गृह मंत्रालय क्या कर रहा था?  
  • हमारा इंटेलिजेंस ब्यूरो क्या कर रहा था? 
ऐसे एक नहीं खाने को उदाहरण आप को गिना सकता हूं जिनमें सरकार ने अपनी नाकामी तो औरों पर थोपने की कोशिश की और किसी भी व्यक्ति या संस्था के अच्छे कामों का श्रेय खुद लेना चाहा| चाहे फिर वह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा मंगलयान का प्रक्षेपण हो या फिर हमारे सैनिकों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक हर अच्छे काम का श्रेय मोदी को चाहिए हर काम के पीछे ऐसे दिखाया जाता है जैसे मानो वह सबकुछ मोदी ने ही किया हो|  मंगलयान के पीछे वैज्ञानिकों को तो कोई काम ही नहीं था, मोदी ने ही मंगलयान बनाया और खुद ही लेकर मंगल तक पहुंच भी गया हो| 
सर्जिकल स्ट्राइक में मानो सैनिकों ने तो कुछ किया ही नहीं हो मोदी ही पीएमओ से निकलकर सीमा की तरफ दौड़ा दौड़ा गया और दुश्मनों को मार कर वापस आ गया लेकिन यही मोदी इस समय कहां छुप जाता है जब हमारे सैनिक शहीद होते हैं तब भी उन्हें सामने आ कर कहना चाहिए कि हां हमारी भूल हुई हमारी कमी रह गई हम इससे बच सकते थे| 
यदि श्रेय लेना चाहते हो तो नाकामियों को भी अपने माथे पर लीजिए जनाब और मीडिया के द्वारा जो लोगों के दिलों में जहर घोला जा रहा है भगवान के लिए इसे बंद कीजिए क्योंकि नफरत है वह सब कुछ जला देती है| 

मोदी के सत्ता में आने से पहले जब भी दुर्भाग्य से हमारे सैनिक शहीद होते थे तो तमाम मीडिया और खुद भाजपा बहुत तीखे सवाल करती थी
गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए
प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए,
यह प्रधानमंत्री की नाकामी है
इस सरकार की नाकामी है 
हमारे सैनिकों को शहीद होना पड़ा 
और आज वही मोदी और भाजपा अपने समर्थकों द्वारा अपनी नाकामी को इस तरीके से छुपाते हैं सैनिकों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए इस मुद्दे पर हमें कोई कमेंट नहीं करना चाहिए या अब कहां है वह जो अमन की बात करते हैं अब कहां गए वह जो कहते हैं कि वह निर्दोष हैं बजाय इसके कि अब भी वह कहें कि हां हमारे गृह मंत्रालय की कुछ ना कुछ कमी रही है और आगे से हम इसका ध्यान रखेंगे हम इसमें सुधार लाएंगे| 
 
यदि मोदी समर्थक भाजपा समर्थक सच में खुद को देशभक्त मानते हैं तो हमारे सैनिकों के बलिदान पर उन्हें अपनी सरकार से सवाल करना चाहिए कि कैसे हमारे सैनिक शहीद हो गए जवाबदेही तय कीजिए सुनिश्चित कीजिए हमारे सैनिकों को कि आगे से ऐसा नहीं होगा| 
 
मैंने हाल ही में हुई नक्सली घटना में बयान सुने हैं जिनमें कहा गया है कि नक्सलियों को हमारी हर एक्टिविटी का पूरा पता था उन्होंने उसे पूरा मॉनिटराइज कर रखा था कि हम कैसे-कैसे मूव करते हैं और किस समय वह हम पर हमला कर सकते हैं जब उन नक्सलियों के पास में इतनी क्षमता है कि वह हमारे सैनिकों के हर एक्टिविटी को मॉनिटर कर सकते हैं तो हमारे सरकार के पास में क्या ऐसी कोई संस्था नहीं है कि जो हमारे सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और नक्सलियों या माओवादियों की एक्टिविटी को मॉनिटर कर सके कि वह कब और कैसे हमला कर सकते हैं? या हमला करने वाले हैं उससे पहले ही हमारे सैनिकों को बचा लिया जाए| 
 
प्रीति गाँधी का ट्वीट जब वो विपक्ष में थे, और अब जब वो सत्ता में है- देखिये इन लोगो का दोगलापन

Thursday, April 27, 2017

काजल के पर्वत पर चढ़ना


एक बार जीवन का रथ, बढ़ा शुक्र के पथ पर,
और राजनीति ने डोरे डाले फिर सेवा के व्रत पर !

लक्ष्मण रेखा बड़ी क्षीण है, बड़ी क्रूर है काई,
कदम कदम पर फिसलायेगी रेशम सी चिकनाई !!

काजल के पर्वत पर चढ़ना, और चढ़ कर पार उतरना,
बहुत कठिन है निष्कलंक रह करके ये सब करना !!!

पर जब जब आप सहारा देते, इनका सर सहलाते,
जब जब इनको अपना कहकर अपने गले लगाते,
तब तब मुझको लगता है,  ये जीवन जी लेंगे,
नीलकंठ कि तरह यहाँ का सारा विष पी लेंगे !!!!"


काजल के पर्वत पर चढ़ना, और चढ़ कर पार उतरना
काजल के पर्वत पर चढ़ना, और चढ़ कर पार उतरना


Saturday, April 22, 2017

MCD election और मेरा डर

कल दिल्ली में चुनाव है और पूरा देश दिल्ली को एक उम्मीद भरी नजरों  से देख रहा है|
पिछले दस साल से MCD में भाजपा का राज है और पूरी दिल्ली  इन सालो में भाजपा के भ्रष्टाचार और निकम्मेपन से परेशान रही है|
वही दूसरी तरफ आम आदमी  पार्टी की दिल्ली सरकार ने पिछले 2 साल में इतने काम किये है की दिल्ली वालो को इस बार किसे वोट करना है ये सोचने में जरा भी मुश्किल नहीं होगी यदि सच में उन्हें दिल्ली को सुधारना है, दिल्ली को साफ़ सुथरी देखना है MCD में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो दिल्ली कल भारी बहुमत से आम आदमी पार्टी को जिताने वाली है|

लेकिन इसी बीच मेरा डर है EVMs  को लेकर क्योंकि MCD आम आदमी पार्टी का आने का मतलब है पिछले 2-3 साल से बीजेपी ने जो गंदगी फैलाई है उसका सच बाहर आना|
 यदि MCD कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने लगेगा, जो MCD घाटे में चल रही है हर समय पैसो का रोना रो रही है अगर वो हाउस टेक्स माफ़ करने के बाद भी फायदे में जायेगी तो बीजेपी के काले कारनामे सबके सामने आ जायेंगे!

MCD की करोडो की वेबसाइट, मृत व्यक्तियों को पेंशन देने का बड़ा भ्रष्टाचार और उससे भी बड़ा MCD के अधीन आने वाले दो Adevertise विभाग और पार्किंग से जो MCD को कमाई होनी चाहिए वो ईमानदारी से होने लगेगी और उसके आंकड़े जब देश के सामने आएंगे की कैसे इतने सालो से बीजेपी दिल्ली के लोगो को लूट रही थी तो कही ना कही भाजपा का दोगला चेहरा सामने आने लगेगा और दिल्ली से धीरे धीरे समस्याएं खत्म होने लगेंगी तो आम आदमी पार्टी और ज्यादा मजबूत होगी जो की भाजपा की राजनीतिक सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा तो हो सकता है की बीजेपी इस बार भी EVMs टेम्परिंग करके आम आदमी पार्टी को रोक पाए जिससे भाजपा के काले कारनामे सामने नहीं आये|

खैर देखना है होता क्या है, ये 3-4 दिन जब तक परिणाम नहीं आता डर में गुजारने ही और उसके बाद हकीकत से रूबरू भी होना है|

Thursday, April 6, 2017

MCD Election - AAP, BJP & Congress Delhities have to choose

फोटो. http://www.universityex.com/wp-content/uploads/2017/02/AAP_BJP_Congress.jpg
दिल्ली में MCD चुनाव है सभी राजनीतिक दल अपना पूरा जोर लगा कर यह चुनाव लड़ रहे हैं। 
 
बहुत सी क्षेत्रीय और छोटे दलो (अभी अभी जन्मे) के अलावा 3 सबसे बड़ी पार्टियां - आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस चुनावी मैदान में है। 
 
इन तीनों के लिए ही यह चुनाव नाक का सवाल है, एक तरफ आम आदमी पार्टी है जो अप्रत्याशित बहुमत के साथ 70 में से 67 सीट जीत कर दिल्ली में अपनी सरकार बनाई और जन हितेषी अनेक काम करने का दावा कर रही है तो उनके लिए यह चुनाव जीतना अत्यंत जरुरी है जिससे वह यह साबित कर सके कि हाँ, हमने काम किया है और दिल्ली की जनता ने हमारे काम को स्वीकारा है। 
दूसरी तरफ कांग्रेस जो अपना जनाधार खो चुकी है एक के बाद एक हर तरफ हार का ही मुंह देखना पड़ रहा है तो उन्हें दुबारा से राजनीति में अपनी पकड़ बनाने के लिए यह दिखाने के लिए कि अभी वह हैं यह चुनाव जीतना उनके लिए भी जरूरी है और तीसरा भारतीय जनता पार्टी जो पूरे देश में दावा कर रही है कि केवल उन्हीं की पार्टी को लोग चाहते हैं लोग मोदी जी के कामों से खुश हैं और उन्हीं से प्रेरित होकर अब हर जगह केवल कमल का फूल ही खिलेगा। 
 
तो मैं सोच रहा था यह पार्टियां अपने मतदाताओं से कैसे वोट मांगेंगे तीनों ही पार्टियों की बात करते हैं यह अपने मतदाताओं को जाकर दिल्ली के वोटरों को जाकर क्या कहेंगे कि हमें वोट क्यों दीजिए? 
 
तो आम आदमी पार्टी जरूर कह भी रही है और कहेगी कि हमने दिल्ली में सत्ता में आने के बाद जनता से किये वादे पूरे किये है। 
 
  • हमने दिल्ली में 
  • पानी फ्री किया
  • बिजली के दाम आधे किये 
  • मोहल्ला क्लीनिक खोले
  • सरकारी स्कूलों का नवीनीकरण कर उन्हें  आधुनिक बनाकर उन्हें निजी स्कूलों से भी अच्छा बनाया 
  • निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाईं 
  • दिल्ली में सभी दवा और जाँच फ्री किया 
  • फ्लाई ओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर दिल्ली की जनता के टेक्स के पैसे बचाये 
  • बजट में टेक्स बढ़ाने की बजाय टेक्स में कटौती की है 
  • झुग्गी झोपड़ी की जगह शानदार अपार्टमेंट दिए है 
 
तो उनके पास में एक देश है जिसे वह दिखा कर कहेंगे कि यह देखिए हमने कुछ करके दिखाया है आप हमें वोट दीजिए जिससे हम और ज्यादा आपके लिए कर सके। 
 
अब बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की तो समझ में नहीं आ रहा कि वह वोट किस आधार पर मांगेंगे पिछले 10 साल से एमसीडी में भाजपा है तो 
 
क्या भाजपा यह कहने की हिम्मत कर पाएगी कि जैसा हमने पिछले 10 साल में एमसीडी में किया है वैसा ही करेंगे?
 
क्या यदि वह ऐसा नहीं कहते हैं तो इसका मतलब है कि उन्होंने पिछले 10 साल में एमसीडी में कुछ भी नहीं किया जो किया वह गलत किया है तो अब उन पर कैसे भरोसा किया जाए कि वह आगे गलत नहीं करेंगे?
 
यदि भाजपा अपनी चुनावी सभाओं में यह कहने की हिम्मत कर सकती है कि हमने जो किया है पिछले 4 साल में 5 साल में 10 साल में एमसीडी में वही करेंगे वैसा ही हम करते रहेंगे तब मान जाऊंगा कि भाजपा ने वास्तव में एमसीडी में कुछ करके दिखाया है 
लेकिन भाजपा यह गलती नहीं करेगी क्योंकि पूरी दिल्ली को पता है कि भारतीय जनता पार्टी क्योंकि  पूरी दिल्ली को पता है कि भाजपा ने एमसीडी को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है इन 10 साल में दिल्ली के लोगों को हर कदम पर जो भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा चाहे वह जाति प्रमाण पत्र बनवाना हो जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो या निर्माण कार्य की स्वीकृति लेनी हो छोटे से छोटे काम के लिए जिस तरीके से एमसीडी में रिश्वतखोरी होती थी उससे दिल्ली की जनता दुखी है तो उन्हें पता है कि भाजपा को तो इस बार हमें नहीं चुनना है 
 
वरना जो नर्क की जिंदगी 10 साल बिताई है उससे भी बुरी हालत अब और करेंगे क्योंकि अब उनमें कॉन्फिडेंस आ जाएगा कि हम चाहे कितनी भी गलतियां करें हम चाहे जनता को कितना भी परेशान करें यह लोग हमें ही वोट देंगे 
 
तीसरा आता है कांग्रेस तो हो सकता है कि वह पिछले कुछ सालों में जो दिल्ली में आम आदमी पार्टी बनाम भाजपा या दिल्ली सरकार बनाम MCD जो खेल चलाया गया उसका फायदा कांग्रेस उठा ले वह वोटरों को यह कहकर लुभा सके कि जब हम होते थे तो यह लड़ाई-झगड़े नहीं होते थे क्योंकि हमें सरकार चलानी आती है क्योंकि हमें पता है कैसे काम होते हैं इन लोगों को नहीं पता तो यह लड़ते रहते हैं हमें पता है तो हम बिना लड़े झगड़े आपके काम कर सकते हैं तो शायद यह मुद्दा बनाकर कांग्रेस है वह अपनी वापसी करने की कोशिश कर सकती है 
 
अब सोचना दिल्ली के वोटरों को होगा कि उन्हें किसे सुनना है 
  • आम आदमी पार्टी जिसने दिल्ली की जनता से किये वादे पूरे करके दिखाए है और MCD चुनाव में भी जो ऐतिहासिक वायदा हाउस टेक्स माफ़ करने का किया है उसे पूरा करके दिखाएँगे
  • कांग्रेस जो भ्रष्टाचार में पूर्णतया लिप्त है एक नहीं अनेक उदाहरण हैं उनके भ्रष्टाचार के 
  • भाजपा जिसने एमसीडी की दुर्दशा कर दी प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की भी उन्हें कोई फिक्र नहीं रही वह उसे भी लागू नहीं करवा पाए अलग से विशेष फंड एमसीडी को मिला स्वच्छ भारत अभियान के तहत उसका भी वह उपयोग करके दिल्ली को स्वच्छ नहीं बना पाए और भ्रष्टाचार जितना फैला हुआ है वह तो दिल्ली की जनता वाकिफ है तो मुझे नहीं लगता कि दिल्ली के लोग इन सब चीजों को नजरअंदाज कर के केवल जो माहौल देश में बनाया जा रहा है राष्ट्रवाद,देश भक्ति, हिंदू मुस्लिम, गाय बकरी भैस घोड़े गधे इनके इन बहकावे में आकर दिल्ली के लिए एक बार फिर से वही नर्क की जिंदगी चुनेंगे। 
दिल्ली के वोटरों में  मेरा बहुत विशवास है, आशा है वो मीडिया के प्रोपोगेंडा, या भाजपा की IT सेल के व्हाट्स अप्प फॉरवर्ड मेसेज के बहकावों में ना आकर अपने लिए, दिल्ली के लिए सही को चुन पाएंगे।