आज 2 फरवरी को अचानक से मीडिया में चल रहा है आम आदमी पार्टी के फंडिंग स्कॅम के बारे में!
आज ही क्यों?
अरे भाई पता नहीं 7 फरवरी को चुनाव है और बीजेपी दिल्ली में हार रही है तो कुछ तो करना ही पडेगा ना, अब मुद्दो पर बीजेपी बैकफुट पर है, लोकसभा चुनाव में तो महँगाई, काला धन, गंगा माँ की सफाई और नारी सुरक्षा को मुद्दा बनाकर वोट मांग लिए लेकिन अब तो बीजेपी इन सबका नाम भी नहीं ले सकती हाँ उलटे डरती है कि कहीं कोई इन मुद्दो पर उनसे पूछ ना ले तो क्यों ना नकली मुद्दे बनाये जाए ताकि असली मुद्दो से जनता को गुमराह किया जा सके।
जो बीजेपी लोकसभा में "बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार" का नारा देती थी वो आज महंगाई को रोक नहीं पा रही और ये तो तब है जब अंराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आधे हो गए है अर्थात यदि भारत सरकार कुछ ना भी करे तो भी महंगाई स्वतः की कम हो जानी चाहिए थी पर नहीं हुयी।
सो दिन के लिए मुझे दिल्ली की गद्दी दे दो विदेशो में पड़ा सारा काला धन वापस लाऊंगा और हरेक भारतीय के खाते में 15 लाख रूपये होंगे बिना कुछ किये सरकार को कुछ नहीं करना पडेगा।
कुछ ऐसे ही बोलते थे अपनी सभाओ में मोदीजी पर आज सरकार बने 100 दिन नहीं 253 दिन हो गए है पर काला धन वापस लाना तो दूर अभी तक सरकार ने इसके लिए अपनी तरफ से कोई प्रयास भी नहीं किया एक SIT का गठन किया वो भी तब जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया।
गंगा माँ की सफाई को मुद्दा बनाया उसे तो मानो भूल ही गए, सुप्रीम कोर्ट ने एक नहीं 3-4 बार मोदी सरकार को फटकार लगाई की कहाँ है आपका प्लान गंगा की सफाई का, तब जाकर तो सरकार ने अपना प्रोजेक्ट पेश किया की वो कैसे सफाई करेंगे गंगा माँ की और उस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई की जो प्लान आप पेश कर रहे हो उससे तो गंगा 200 साल में भी साफ़ नहीं होगी।
महिला सुरक्षा का नारा देने वाली बीजेपी ने महिलाओ के मुहं पर ऐसा तमाचा मारा की शायद ही कोई समझदार महिला बीजेपी को वोट देगी, बलात्कारी निहालचंद को बीजेपी ने मंत्री पद दे दिया। तो कहाँ है वो वादे जो जनता से किये थे?
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BJP and Congress receiving foreign funding |
कोई ये सवाल ना पूछले इसलिए रोज नए मुद्दे पैदा किये जाते है तांकि आप और हम उन्ही पर बहस करते रहे और बीजेपी से जिन मुद्दो पर उन्होंने वोट मांगे थे उनपर सवाल ना करे।
पिछली बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के कुछ दिन पहले ही ऐसे ही आरोप बीजेपी ने "आम आदमी पार्टी" पर लगाए थे। चलो पिछली बार की तो मान लेता हूँ की बीजेपी के पास सत्ता नहीं थी उस समय तो केवल आरोप ही लगा सकती थी। लेकिन अब जब बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है तो फिर ये आरोप? केवल जनता को गुमराह करने के लिए तो नहीं है?
यदि सच में ऐसा है तो बीजेपी क्यों नहीं तुरंत "आप" की फंडिंग की जांच करके सभी को जेल में डालती है? आज ही तुरंत सारा प्रशाशन लगाए, सभी टीम भेजे शाम होने तक जांच करके और कल सुबह होने से पहले तो सभी अपराधियों को जेल में भेज सकते है लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उन्हें भी पता है यदि जांच करवाई तो फिर रिपोर्ट देनी पड़ेगी और रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की फंडिंग पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है केवल यही तो एकमात्र पार्टी है जिसने फंडिंग को ट्रांसपेरेंट रखा है और इससे इन्हे नुक्सान भी हो रहा है कई लोग केवल "आप" को चन्दा इसलिए नहीं देते क्योंकि उन्हें डर है की उनका नाम भी ये वेबसाइट पर डाल देंगे।
तो दोस्तों बीजेपी ने एक बार फिर अपनी गन्दी राजनीती करते हुए केवल अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की कोशिशि की है। देखना ये होगा दिल्ली की जनता कितनी समझदार है वो बीजेपी की इन चालो को समझ पाती है या नहीं।
धन्यवाद॥ जय हिन्द॥
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