Thursday, September 4, 2014

Teacher's day or Prime minister's day?

Modi order students to listen him on Teacher's day
मोदीजी की शिक्षक दिवस पर क्लास 
ये कैसे देश के सेवक है जिन्होंने मासूम बच्चो को भी अपने निजी स्वार्थ के लिए काम में लेना शुरू कर दिया है । 

शिक्षक दिवस के उपलक्ष में भारत सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिया है की शिक्षक दिवस के दिन भारत के प्रधानमन्त्री देश के बच्चो को सम्बोधित करेंगे और इसके लिए सभी स्कूलों को पर्याप्त सुविधा करेंगे ताकि बच्चे प्रधानमन्त्री का भाषण सुन सके । 

ये कैसी जिद करली प्रधानमन्त्री जी आपने? क्या आपको पता भी है शिक्षक दिवस का मतलब क्या है जो आप अपना भाषण लेकर बीच में घुस गए? शिक्षक दिवस के दिन बच्चे और शिक्षक के बीच मधुर वार्तालाप होता है, बच्चे अपने प्रिय शिक्षक को उपहार देते है आदि आदि । 

लेकिन  HRD मिनिस्टर ने ये क्या आदेश दे दिया, स्कूलों को व्यवस्था करनी पड़ेगी, आप जेनेरेटर लाइए, स्पीकर लाइए, टीवी, कंप्यूटर, आदि आदि और पूरी व्यवस्था करनी पड़ेगी और इसकी सारी जानकारी 2 सितम्बर से पहले सभी प्रधानाध्यापको को  जिला मुख्यालय पर सूचित करना पडेगा की सभी तैयारी करली गयी है, और भाषण के दिन सभी जिला शिक्षा अधिकारी गाड़ी से चक्कर लगाएंगे और देखेंगे ये सुनिश्चित करेंगे की जैसा आदेश दिया गया है वैसा ही हो रहा है या नहीं । 

यदि इसमें लापरवाही हुयी तो इसे गम्भीरता से लिया जाएगा । 

सरकारी स्कूल में इस सबके लिए को खर्चा आएगा वो VKS fund (विद्यालय कल्याण समिति) के फंड से लिया जाएगा और निजी स्कूल ये अपने स्तर पर करेंगे । 

अब सवाल ये है कितना खर्चा आएगा इस सब पर, कितने शिक्षक पढ़ाई छोड़कर इन सब व्यस्था में लगे रहेंगे, रिपोर्टिंग करना की सभी तैयारी हो गयी है और कार्यक्रम होने के बाद फिर रिपोर्टिंग फीडबैक के लिए फिर सभी शिक्षा अधिकारी गाड़ियों से चक्कर लगाएंगे आदि आदि क्या ये सब उचित है इतना खर्चा केवल इस लिए करना क्योंकि आज हमारे प्रधानमंत्री बच्चो को भाषण देना चाहते है । 

क्या इससे ज्यादा अच्छा ये नहीं होता की आप आदेश देते की इतना खर्चा उन स्कूल में शौचालय बनाने में किया जाए, या विधालय के ब्लेकबोर्ड की मरम्मत की जाए, बच्चो के लिए बैठने के लिए दरी या मेज खरीदते आदि आदि, क्या जरूरत आ गयी इतना सब खर्चा करने का आप टीवी पर भाषण देते सभी अपने आप अपने अपने घर पर देख लेते, बच्चे भी देखते अभिभावक भी देखते सारा देश आपका भाषण सुन लेता लेकिन इसमें इतना सब खर्चा करने की जरुरत क्या हो गयी?

क्यों नन्हे मुन्हे बच्चो का उपयोग आप अपने निजी स्वार्थ या राजनीति के लिए कर रहे है?

   

 

 

 

 

 

 



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