यही कहानी सुनते सुनते हम बड़े गए है "एक बहादुर पुलिस अधिकारी जिसने अपनी ड्यूटी निभाते हुए प्रधानमन्त्री की कार उठवा दी थी" और जब ये सुनते थे हम भी बहुत गर्व करते थे और दिल से यही निकलता था शाबास किरण बेदी तुम करोड़ो हिन्दुस्तानियों के प्रेरणा हो। हमारे माँ बाप ने हमे यह कहानी सुनाई किरण बेदी की बहादुरी की मिसाल देते हुए और हम ये कहानी अपने बच्चो को सुनाते रहे उसी किरण बेदी की बहादुरी की मिसाल देते हुए पर ये क्या आज हमे पता लगा की ये सब झूठ था!!!
हमे पता लगा की किरण बेदी कैसे दुनिया से झूठ बोलती रही!!!
कैसे भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनने वाली किरण बेदी अपनी शान में झूठ बोलकर लोगो को गुमराह करती रही?
आज मेरे ही बच्चो के सामने मैं झूठा हो गया, आज मेरे बच्चे मुझसे ये सवाल करते है पापा आपने हमे झूठी कहानी क्यों सुनाई?
खैर मैंने तो इसलिए सुनाई क्योंकि ये झूठ खुद किरण बेदी ने फैलाया था और मैंने उस पर भरोषा कर लिया मुझे क्या पता था की किरण बेदी भरोषे करने लायक नहीं है, जो औरत इतना बड़ा झूठ बोल सकती है किसी और का काम का श्रेय भी खुद लेती है उस पर कोई कैसे भरोषा करे।
अब जैसे की वो भारतीय जनता पार्टी की सदस्य है (अभी दिल्ली बीजेपी की तरफ से विधानसभा चुनाव भी लड़ रही है और दिल्ली बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की दावेदार भी) तो जरूर भाजपा के कार्यकर्ता ये सवाल करेंगे की नहीं उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा ये तो लोगो ने अफवाह फैला दी, तो दोस्तों यहाँ मैं कुछ ऐसे सबूत रखना चाहता हूँ जहाँ खुद बेदी ने कहा की उन्होंने कार उठायी थी, और अफ़सोस उन्हें जरा भी शर्म नहीं आई छोटे छोटे बच्चो के सामने झूठ बोलते हुए।
ये टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के 27 अप्रेल 2010 के अखबार में छपी हुयी खबर है
Tag: Liar Bedi, Kiran Bedi, IPS officer, Indian lady IPS, PM's Car, BJP, BJP delhi CM, Ravish kumar, NDTV india, Big lier, Bhopal school function
हमे पता लगा की किरण बेदी कैसे दुनिया से झूठ बोलती रही!!!
कैसे भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनने वाली किरण बेदी अपनी शान में झूठ बोलकर लोगो को गुमराह करती रही?
आज मेरे ही बच्चो के सामने मैं झूठा हो गया, आज मेरे बच्चे मुझसे ये सवाल करते है पापा आपने हमे झूठी कहानी क्यों सुनाई?
खैर मैंने तो इसलिए सुनाई क्योंकि ये झूठ खुद किरण बेदी ने फैलाया था और मैंने उस पर भरोषा कर लिया मुझे क्या पता था की किरण बेदी भरोषे करने लायक नहीं है, जो औरत इतना बड़ा झूठ बोल सकती है किसी और का काम का श्रेय भी खुद लेती है उस पर कोई कैसे भरोषा करे।
अब जैसे की वो भारतीय जनता पार्टी की सदस्य है (अभी दिल्ली बीजेपी की तरफ से विधानसभा चुनाव भी लड़ रही है और दिल्ली बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की दावेदार भी) तो जरूर भाजपा के कार्यकर्ता ये सवाल करेंगे की नहीं उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा ये तो लोगो ने अफवाह फैला दी, तो दोस्तों यहाँ मैं कुछ ऐसे सबूत रखना चाहता हूँ जहाँ खुद बेदी ने कहा की उन्होंने कार उठायी थी, और अफ़सोस उन्हें जरा भी शर्म नहीं आई छोटे छोटे बच्चो के सामने झूठ बोलते हुए।
ये टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के 27 अप्रेल 2010 के अखबार में छपी हुयी खबर है
Cutting of News Paper Times of India |
“I knew I will be transferred when I decided to tow Indira Gandhi’s car (for illegal parking). I gave a thought to it and decided to do what was right then,” Bedi said at a programme in Bhopal School of Social Sciences here She was replying to a student,who asked her about the daring incident to remove the car of the all-powerful Indira Gandhi. “I was transferred to Goa the next day, but that did not deter me from doing right things,” Bedi said. B h o p a l : Going nostalgic, former IPS officer Kiran Bedi on Monday said she went on to remove former Prime Minister Indira Gandhi’s car for illegal parking despite being fully aware her action might earn her a transfer.
एक स्कूल के फंक्शन में खुद किरण बेदी ने ये बहुत बड़ा झूठ बच्चो के सामने कहा!
कुछ दिन पहले तक सोशल साईट ट्वीटर पर अपनी प्रोफाइल के बायो ने भी बड़ी शान से अपनी उपलब्धियों को गिनाती हुयी वो लिखती है
Former Cop, Magsaysay Awardee, UN Police Advisor, Asian Tennis Champion, Towed PM's car for Traffic violation, Voted Most Trusted Woman, Founded two NGOs, Author+
अब जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने ये लाइन अपनी प्रोफाइल से डिलीट कर दी, लेकिन वेब की दुनिया भी निराली है बेदी की ट्वीटर प्रोफाइल की बैकअप फोटो इंटरनेट पर उपलब्ध है।
इतना बड़ा झूठ बोलने वाली महिला को मोस्ट ट्रस्टेड वुमन भी चुना गया वाह क्या बात है !
धन्य है NDTV India के निर्भीक और ईमानदार पत्रकार रविश कुमार जिन्होंने इस गुत्थी को सुलझाया और सच हम सब तक पहुंचाया की वो कार किरण बेदी ने नहीं उठायी थी, इतना ही नहीं उन्होंने बहुत ही बहादुरी से इस पूरे घटनाक्रम और किरण बेदी के बड़े झूठ का पर्दाफ़ाश किया।
वो कार बेदी ने नहीं बल्कि सब इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने उठायी थी और उस समय तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी भारत में भी नहीं थी और कार भी उनकी निजी ना होकर प्रधानमन्त्री कार्यालय की कार थी अब कार्यालय की कार मतलब किसी की भी हो सकती है, बाबू अफसर कर्मचारी। और वो कार वहाँ पर मिस्त्री के यहाँ ठीक करवाने के लिए आई थी।
चलो देर ही सही कम से कम धन्यवाद रविश जी का की आज उनकी बदौलत एक बहुत बड़ा झूठ जो दशको से चला आ रहा था खत्म हुआ और लोगो को सच का पता लगा।