कल से सभी टीवी चेनल पर बीजेपी कांग्रेस बड़ी जोर शोर ये प्रचार प्रसार करने में लगी है कि "आम आदमी पार्टी" द्वारा दिल्ली में जिस लोकपाल बिल कि बात हो रही है वो पास हो ही नहीं सकता क्योंकि वो असंवैधानिक है, अर्थात हमारे संविधान के खिलाफ है, उनकी पूरी कोशिश यही है कि कैसे भी करके देश में ये हवा बना दो कि अरविन्द सत्ता में आने के बाद इस देश के संविधान की भी कदर नहीं करता और अब संविधान से भी ऊपर होकर गलत तरीके से कोई बिल लाने की कोशिश कर रहा है!
मैंने भी एक दो बहस इन विद्वानो की सुनी और जो कुछ समझ में आया वो आप सबके साथ सांझा करना चाहता हूँ
पहली बात तो ये क्या अरविन्द और उनके मंत्री मंडल सदस्यों में किसी के पास ये दिमाग नहीं है कि गलत काम नहीं कर सकते? क्या सभी कानून के जानकार, संविधान के जानकार जिनसे "आप" ने विचार विमर्श किया किसी को पता नहीं की संविधान के खिलाफ काम हो रहा है?
और चलो किसी को भी पता नहीं होगा, केवल बीजेपी-कांग्रेस को ही पता है कि ये सब संविधान के खिलाफ है, तो भाई मेरे ये समझ में नहीं आ रहा कि इससे बीजेपी-कांग्रेस इतनी बौखलाई हुयी क्यों है, यदि हकीकत में ये सब संविधान के खिलाफ है तो बीजेपी.कांग्रेस को चाहिए की वो चुपचाप अभी तमाशा देखे और जैसे ही अरविन्द ये बिल पास कराये तुरन्त उस पर मुकदमा चला कर उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए क्योंकि उसने हमारे अखण्ड, विशाल भारत देश के संविधान के खिलाफ कोई काम किया है!
ऐसा क्यों नहीं कर रही ये पार्टियां? बात बिलकुल साफ़ है की ये कानून पास हो ना हो, बने ना बने पर ये तो स्पष्ट है कि असंवैधानिक नहीं है वरना यही बिल बीजेपी.कांग्रेस का हथियार बन जाता अरविन्द और उनके कैबिनेट के सदस्यो को जेल भेजने का !
तो फिर ये घबराहट क्यों? बात साफ़ है कि इस कानून का विरोध करेंगे तो जनता के सामने उनकी पोल खुल जायेगी कि बीजेपी-कांग्रेस ये कानून पास नहीं कराना चाहती क्योंकि दोनों ही पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त है और यदि कानून पास हो गया तो सबसे पहले वो ही जेल में जायेंगे तो कानून का विरोध गलत तरीके से क्यों ना किया जाए, कहने को सबको कहेंगे हाँ हम चाहते है कि ऐसा कानून बने को भ्रष्टाचारियों को कड़ी से कड़ी सजा दे पर करेंगे ऐसा की इस तरह का कोई कानून पास ही ना सके, तो सबसे अच्छा फार्मूला है ना उनके हाथो में जो अब तक काम में लेते आये है भ्रान्ति फैलाना, जनता में भ्रान्ति फैलाओ कि अरविन्द जो कुछ कर रहा है वो असंवैधानिक है वो भारत के संविधान का अपमान है!
चलो मैं तो ये भी मान लेता हूँ कि ये अरविन्द दिल्ली में लोकपाल नहीं ला सकता क्योंकि ये अंसवैधानिक है और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही बहुत अच्छी पार्टी है और देश की जनता को अच्छा लोकपाल देना चाहती है, तो फिर करके क्यों नहीं दिखाते?
राजस्थान में बीजेपी की सरकार है सम्पूर्ण बहुमत है, खूब बीजेपी के भी 8-10 विधायक खिलाफ हो जाए तो भी उनके पास बहुमत है तो फिर क्यों ना राजस्थान में एक सशक्त लोकपाल लाये जिसके दायरे मुख्यमंत्री से लेकर चपरासी तक सभी आये और देश कि जनता को दिखाए कि वो वास्तव में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते है लेकिन दिल्ली में "आप" के लोकपाल का साथ नहीं दे सकते क्योंकि ये संवैधानिक नहीं है!
या फिर कही ऐसा तो नहीं है कि भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाना ही बीजेपी-कांग्रेस के अनुसार संवैधानिक नहीं है?
हा हा हा, क्या करूँ हँसू या रोऊँ उनकी इस चाल पर कि कैसे वो भारत की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है !
दोस्तों जरुरत है की हम इन बहकावों में ना आये, कुछ चिंतन खुद भी करे!
आज कोई खड़ा हुआ इस देश हम जैसे करोडो आम आदमियों की आवाज को बुलंद करने के लिए, आपको आपका सम्मान दिलाने के लिए, इस देश से उस विप तंत्र को खत्म करने के लिए जिनके आप और हम हर कही शिकार हो रहे है!
मैंने भी एक दो बहस इन विद्वानो की सुनी और जो कुछ समझ में आया वो आप सबके साथ सांझा करना चाहता हूँ
पहली बात तो ये क्या अरविन्द और उनके मंत्री मंडल सदस्यों में किसी के पास ये दिमाग नहीं है कि गलत काम नहीं कर सकते? क्या सभी कानून के जानकार, संविधान के जानकार जिनसे "आप" ने विचार विमर्श किया किसी को पता नहीं की संविधान के खिलाफ काम हो रहा है?
और चलो किसी को भी पता नहीं होगा, केवल बीजेपी-कांग्रेस को ही पता है कि ये सब संविधान के खिलाफ है, तो भाई मेरे ये समझ में नहीं आ रहा कि इससे बीजेपी-कांग्रेस इतनी बौखलाई हुयी क्यों है, यदि हकीकत में ये सब संविधान के खिलाफ है तो बीजेपी.कांग्रेस को चाहिए की वो चुपचाप अभी तमाशा देखे और जैसे ही अरविन्द ये बिल पास कराये तुरन्त उस पर मुकदमा चला कर उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए क्योंकि उसने हमारे अखण्ड, विशाल भारत देश के संविधान के खिलाफ कोई काम किया है!
ऐसा क्यों नहीं कर रही ये पार्टियां? बात बिलकुल साफ़ है की ये कानून पास हो ना हो, बने ना बने पर ये तो स्पष्ट है कि असंवैधानिक नहीं है वरना यही बिल बीजेपी.कांग्रेस का हथियार बन जाता अरविन्द और उनके कैबिनेट के सदस्यो को जेल भेजने का !
तो फिर ये घबराहट क्यों? बात साफ़ है कि इस कानून का विरोध करेंगे तो जनता के सामने उनकी पोल खुल जायेगी कि बीजेपी-कांग्रेस ये कानून पास नहीं कराना चाहती क्योंकि दोनों ही पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त है और यदि कानून पास हो गया तो सबसे पहले वो ही जेल में जायेंगे तो कानून का विरोध गलत तरीके से क्यों ना किया जाए, कहने को सबको कहेंगे हाँ हम चाहते है कि ऐसा कानून बने को भ्रष्टाचारियों को कड़ी से कड़ी सजा दे पर करेंगे ऐसा की इस तरह का कोई कानून पास ही ना सके, तो सबसे अच्छा फार्मूला है ना उनके हाथो में जो अब तक काम में लेते आये है भ्रान्ति फैलाना, जनता में भ्रान्ति फैलाओ कि अरविन्द जो कुछ कर रहा है वो असंवैधानिक है वो भारत के संविधान का अपमान है!
चलो मैं तो ये भी मान लेता हूँ कि ये अरविन्द दिल्ली में लोकपाल नहीं ला सकता क्योंकि ये अंसवैधानिक है और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही बहुत अच्छी पार्टी है और देश की जनता को अच्छा लोकपाल देना चाहती है, तो फिर करके क्यों नहीं दिखाते?
राजस्थान में बीजेपी की सरकार है सम्पूर्ण बहुमत है, खूब बीजेपी के भी 8-10 विधायक खिलाफ हो जाए तो भी उनके पास बहुमत है तो फिर क्यों ना राजस्थान में एक सशक्त लोकपाल लाये जिसके दायरे मुख्यमंत्री से लेकर चपरासी तक सभी आये और देश कि जनता को दिखाए कि वो वास्तव में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते है लेकिन दिल्ली में "आप" के लोकपाल का साथ नहीं दे सकते क्योंकि ये संवैधानिक नहीं है!
या फिर कही ऐसा तो नहीं है कि भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाना ही बीजेपी-कांग्रेस के अनुसार संवैधानिक नहीं है?
हा हा हा, क्या करूँ हँसू या रोऊँ उनकी इस चाल पर कि कैसे वो भारत की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है !
दोस्तों जरुरत है की हम इन बहकावों में ना आये, कुछ चिंतन खुद भी करे!
आज कोई खड़ा हुआ इस देश हम जैसे करोडो आम आदमियों की आवाज को बुलंद करने के लिए, आपको आपका सम्मान दिलाने के लिए, इस देश से उस विप तंत्र को खत्म करने के लिए जिनके आप और हम हर कही शिकार हो रहे है!
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Jan Lokpal Bill by Delhi Government unconstitutional: Solicitor General Mohan Parasaran tells Najeeb Jung
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